बाड़मेर 15 सितंबर ,आजकल पत्रकार ही पत्रकारों की आवाज का गला घोंट रहे हैं अक्सर देखने मे आता है कि यदि किसी पीड़ित पत्रकार की कोई समस्या उनके संज्ञान में आती भी है तो उसे वह अपने समाचार पत्रों पोर्टलों ओर चैनलों में स्थान देने में जानबूझकर संकोच करते है।समाज और सरकार के बीच की कड़ी कहलाने बाले पत्रकार आज अपने ही साथियों की आवाज को बुलंद करने में संकोच करते हुए देखे जाते है। यह बात वेबनार पर आयोजित कार्यक्रम के दौरान जर्नलिस्ट काउंसिल ऑफ इंडिया के सलाहकार समिति सदस्य बाड़मेर जिले से वरिष्ठ राजू चारण ने कहा।
गैर मान्यताप्राप्त पत्रकारों के संगठन जर्नलिस्ट काउंसिल ऑफ इंड़िया (रजि0) के अध्यक्ष अनुराग सक्सेना ने देश के सभी पत्रकारों से अपनी कलम के माध्यम से अपनी आवाज को बुलंद करने का आह्वान किया। वर्तमान समय मे सच का सामना कराने पर पत्रकारों पर हमले और झूठे मुकदमों के प्रकरण दिनों दिन बढते हुए देखे जा सकते है।ऐसे मे पत्रकारों को अपनी कलम के माध्यम से अपना विरोध प्रदर्शन करना चाहिए। आपकी एकजुटता आपकी कलम के माध्यम से दिखनी चाहिए। क्योकि तभी आपकी आवाज शासन और प्रशासन तक पहुंचेगी और आवाज पहुंचने पर ही उसका निराकरण संभव है।
आजकल कितने लोग पत्रकारिता के क्षेत्र से जुड़कर अपनी सेवाए दे रहे है यह आंकडा भी हमारी सरकार के पास उपलब्ध नहीं है और जब सरकार को पता ही नहीं कि आपकी संख्या कितनी है तब आपकी सुरक्षा कैसे हो। सच को समाज के सामने लाने के कार्य को पत्रकार बखूबी अंजाम देते है और सच सामने आने पर दोषी लोग पत्रकार के दुश्मन बन जाते है।परिणामस्वरूप उन पर हमले या झूठे मुकदमें दर्ज करके उन्हे प्रताड़ित किये जाने का सिलसिला दिनों दिन बढता जा रहा है। ऐसे मे पत्रकार निष्पक्ष और निर्भीक होकर पत्रकारिता कैसे कर सके यह सोचना सरकार का काम है।स्वस्थ लोकतंत्र के लिए पत्रकार का निष्पक्ष और निर्भीक होकर काम करना आवश्यक है।सच के सामने आने पर ही दोषियों के चेहरे उजागर होते है और इस काम में पत्रकार अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
अध्यक्ष सक्सेना ने बताया कि कलम के माध्यम से पीड़ित पत्रकार को न्याय दिलाने के लिए पत्रकारो को जागरूक करने के लिए संस्था की ओर से एक शपथ का कार्यक्रम पूरे देश में चलाया जा रहा है। इसके लिए संस्था की ओर से पत्रकारों को एक शपथ दिलवाई जा रही है कि यदि किसी पीड़ित पत्रकार की समस्या उनके संज्ञान में आती है तो वह तुरंत ही समस्या को अपने समाचार पत्रों, पोर्टलों व चैनलों के माध्यम से उठाने में संकोच नहीं करेंगे और इसके लिए अन्य पत्रकारों को भी समय-समय पर प्रेरित करेंगे।