जार ने ठानी।

हालांकि चार साल में मुख्यमंत्री ने वरिष्ठ पत्रकारों को सम्मान निधि देने, डिजिटल पॉलिसी लागू करने, समाचार पत्रों को विज्ञापनों की संख्या बढ़ाने, कोरोना से मरे पत्रकारों के परिजनों को पचास लाख रुपये की आर्थिक सहायता जैसे सराहनीय फैसले किए हैं, लेकिन मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद भी पत्रकार सुरक्षा अधिनियम व पत्रकार आवास योजना लागू नहीं होने से पत्रकार समाज में रोष है। जयपुर में तो पत्रकार आवास योजना के लिए पत्रकारों ने दो महीने से गांधीवादी तरीके से आंदोलन छेड़े हुए हैं। वर्तमान में भी पांच पत्रकार प्रतिदिन सीएमआर जाकर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन दे रहे हैं। दूसरे जिलों में भी पत्रकार आंदोलन के मूड में है।
उदयपुर ग्रामीण विधायक मीणा को सौंपा ज्ञापन
उदयपुर में जार की उदयपुर इकाई ने जार प्रदेश अध्यक्ष सुभाष शर्मा के नेतृत्व में उदयपुर ग्रामीण विधायक फूल सिंह मीणा को पत्रकारों की आवाज बनने में सहयोग के लिए आग्रह पत्र सौंपा। उन्हें बताया गया कि आगामी बजट सत्र को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सभी संगठनों, समाज व संस्थाओं से सुझाव ले रहे हैं। जार द्वारा पत्रकार हितों की घोषणाओं को लागू करने के लिए मुख्यमंत्री, मुख्य सचिव, वित्त सचिव, डीआईपीआर सचिव व निदेशक को ज्ञापन प्रेषित किए गए हैं। पत्रों में सभी से आग्रह किया गया है कि वे मुख्यमंत्री को पत्रकार कल्याण की घोषणाओं की तरफ ध्यान दिलाएं और इन्हें पूरी करने के लिए सहयोग प्रदान करें। उदयपुर ग्रामीण विधायक मीणा ने पत्रकार हितों की आवाज उठाने में सहयोग का आश्वासन प्रदान किया। प्रतिनिधिमण्डल में जार के प्रदेश वरिष्ठ उपाध्यक्ष कौशल मूंदड़ा, जार उदयपुर के जिलाध्यक्ष राकेश शर्मा राजदीप, जिला महासचिव दिनेश भट्ट, जिला सह कोषाध्यक्ष दिनेश हाड़ा आदि शामिल थे।