सावधानी एवं उपचार से पशु रहेंगे सुरक्षित।
अजमेर 18 अगस्त। लम्पी स्किन डिजीज से ग्रसित पशुओं का उपचार करवाकर पशु को सुरक्षित एवं स्वस्थ रखा जा सकता है।
पशुपालन विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. प्रफुल्ल माथुर ने बताया कि लम्पी स्किन डिजीज गौवंश में वायरस से होने वाला रोग है। मुख्य रूप से मच्छरों, मक्खियों, जुंआें तथा िंचंचड़ों द्वारा फैलता है। स्वस्थ पशु द्वारा रोगी पशु के सम्पर्क में आने पर भी तथा संक्रमित पशुओं के उपयोग में लिये गये जल एवं भोजन को पुनः उपयोग में लेने से भी यह रोग फैलता है। इस रोग से रोगी पशु में बुखार आना तथा आँख व नाक से पानी बहना, पशु की चमड़ी पर कठोर गांठे (लम्प्स) बनने जैसे लक्षण दृष्टिगोचर होते हैं। इस कारण इसे लम्पी स्किन डिजीज कहते है। दूधारू पशुओं के दुग्ध उत्पादन में अचानक कमी हो जाती है। संक्रमित गर्भवती मादा पशुओं में गर्भपात की सम्भावना रहती है। इसका वायरस श्वसन तंत्र पर भी प्रभाव डालता है। रोग का संक्रमण बढ़ने पर नाक व मुँह से मवाद युक्त स्त्राव बहने लगता है। कभी-कभी रोग से पशुओं की मृत्यु भी हो सकती है। हालांकि इस रोग में मृत्यु दर अत्यंत कम (एक से 10 प्रतिशत तक) होती है।
उन्होंने बताया कि रोग से बचाव के लिए पशुशाला एवं आस-पास के स्थानों पर साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए। ज्यादा समय तक पानी का भराव नहीं होने देना चाहिए। उचित कीटनाशकों का उपयोग कर मच्छर मक्खियों, जुंआें तथा िंचंचड़ों पर प्रभावी नियंत्रण करना आवश्यक है। नीम की पत्तियों को जलाकर धुंआ कर कीट संचरण कम किया जा सकता है। समय-समय पर पशुओं के रहने के स्थान (बाड़े) को 2 प्रतिशत सोडियम हाइपोक्लोराइड से विःसंक्रमित किया जाना चाहिए।
उन्होंने बताया कि पशुओं के रोगग्रस्त होने पर सर्वप्रथम उसे अन्य पशुओं से अलग व दूर बांधकर रखे एवं बाहर न जाने दे। निकटतम पशु चिकित्सालय से सम्पर्क करें एवं पशु चिकित्सक के परामर्श के अनुसार उपचार एवं अन्य स्वस्थ पशुओं का बचाव करना चाहिए। प्रभावित क्षेत्र से पशुओं के आवागमन को रोकना चाहिए। रोगी पशु का चारा, पानी, दुग्ध दोहन एवं उपचार स्वस्थ पशु से अलग होना चाहिए। रोगी पशु का दूध उबालकर ही उपयोग में लेंवे।
उन्होंने बताया कि लम्पी स्किन डिजीज वायरस का लक्षणों के आधार पर उपचार किया जा रहा है। इस रोग का टीकाकरण ही रोकथाम व नियंत्रण का सबसे प्रभावी साधन है। वर्तमान में बकरी के चेचक के टीके से टीकाकरण इस रोग में उपयोगी सिद्ध हो रहा है। स्वस्थ पशुओं में रोग से बचाव के लिए टीकाकरण करवाया जाना सर्वोत्तम उपाय है। अजमेर डेयरी व जिला प्रशासन के सहयोग से यह टीका जिले की सभी पशु चिकित्सा संस्थाओं में निःशुल्क उपलब्ध है। अधिक जानकारी के लिए पशुपालक स्थानीय पशु चिकित्सा संस्था से सम्पर्क कर सकते है। साथ ही विभाग द्वारा जारी आवश्यक मोबाईल नंबर पर सम्बन्धित क्षेत्र के पशु चिकित्सा विशेषज्ञों से इस रोग से बचाव व रोकथाम के लिए जानकारी प्राप्त कर सकते है।
उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा इस रोग के नियंत्रण के लिए जिला परिषद् के मुख्य कार्यकारी अधिकारी श्री हेमन्त स्वरूप माथुर को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है। जिले में जिला प्रशासन के सहयोग से जिला कलेक्ट्रेट में कन्ट्रोल रूप स्थापित कर दिया गया है। अजमेर शहर के लिए जिला प्रशासन द्वारा माकड़वाली रोड़ स्थित कृषि मण्डी में आईसोलेशन वार्ड तैयार किया गया है। इसमें शहर के लावारिस संक्रमित पशुओं को पशुपालन विभाग द्वारा उपचार की सुविधा प्रदान की जा रही है। संक्रमित मृत पशुओं का नगर निगम द्वारा वैज्ञानिक विधि से निस्तारण किया जा रहा है।
उन्होंने बताया कि जिले में बुधवार को 2 हजार 691 संदिग्ध पशु चिन्हित हुए। इनमें से 1169 पशु संक्रमित पाए गए। उपचार के पश्चात 924 में से 358 पशु ठीक हुए । जिले में 106 पशुओं के मृत होने की सूचना है। जिले में 5 हजार 331 स्वस्थ पशुओं का टीकाकरण किया गया । साथ ही 768 पशुओं को आईसोलेट भी किया गया।
उन्होंने बताया कि जिला स्तरीय कंट्रोल रूम जिला कलेक्ट्रेट अजमेर में स्थापित किया गया है। इसके दूरभाष नंबर0145-2628932 पर संपर्क किया जा सकता है।संयुक्त निदेशक कार्यालय पशुपालन विभाग अजमेर 0145-2429640, बहुउद्देशीय पशु चिकित्सालय अजमेर 0145-2429447 तथा क्षेत्रिय पशु रोग निदान केन्द्र अजमेर के दूरभाष नंबर 0145-2626286 है। नगर निगम अजमेर क्षेत्र मेंलम्पी से बीमार लावारिस पशु के लिए9001290591,मृत पशु ठेकेदार 9214964139 एवं 9829447637,कांजी हाउस 0145-2990591 एवं 8619878239,स्वास्थ्य अधिकारी 9828384638 एवं 9001292182 तथाडॉ. मनोज माथुरसे 9414709223 नंबरों पर संपर्क किया जा सकता है।
उन्होंने बताया कि इसी प्रकार ग्रामीण क्षेत्र के लिए भी पशुपालन विभाग द्वारा संबंधित पशु चिकित्सकों के नंबर जारी किए गए हैं। डॉ. कुलदीप अग्रवाल से सराधना क्षेत्रके लिए 9828211404 पर,डॉ. शैलेश तिवारी सेऊँटड़ा क्षेत्र के लिए 9928110549 पर,डॉ. राम नरेश मीणा सेनसीराबाद क्षेत्र के लिए 9636757723 पर,डॉ. विक्रम सिंह
पीसांगन क्षेत्र के लिए9829347076 पर,डॉ. नरेन्द्र कुमार चौहान सेकेकड़ी क्षेत्र के लिए9414421296 पर,डॉ. अशोक सुवालका से सरवाड़ क्षेत्र के लिए9799994047 पर,डॉ. अमित पारीक से सावर क्षेत्र के लिए9214329542 पर,डॉ. जावेद हुसैन सेब्यावर क्षेत्र के लिए 9314946702 पर,डॉ. शिवचरण सिंह राणावत से मसूदा क्षेत्र के लिए7976548703 पर, डॉ. मोहम्मद रफीक से बिजयनगर क्षेत्र के लिए9414586147 पर,डॉ. अरविन्द से भिनाय क्षेत्र के लिए7976755527 पर,डॉ. विष्णु प्रकाश बरबड़ से पुष्कर क्षेत्र के लिए9529180726 पर,डॉ. सुनील कुमार शर्मासे रूपनगढ़ क्षेत्र के लिए9829755766 पर,डॉ. देवेन्द्र सिंहसे किशनगढ़ क्षेत्र के लिए9829376210 पर तथा डॉ. रामेश्वर लाल जाट से अंराई क्षेत्र के लिए9414435949 पर संपर्क किया जा सकता है।