संभागीय प्रशासनिक समिति की बैठक आयोजित।
अजमेर, 28 मार्च। स्थानीय निधि अंकेक्षण विभाग की संभागीय प्रशासनिक समिति की बैठक सोमवार को संभागीय आयुक्त बी.एल. मेहरा की अध्यक्षता में आयोजित हुई। इसमें विभाग के अतिरिक्त निदेशक शेलेन्द्र कुमार परिहार ने संभाग की प्रगति से अवगत कराया।
संभागीय आयुक्त बी.एल. मेहरा ने कहा कि स्वायत्तशासी संस्थाओं में बकाया सामान्य आक्षेपों, ए एवं बी श्रेणी आक्षेपों तथा गबन प्रकरणों का तत्काल प्रभाव से निस्तारण किया जाए। बकाया प्रथम अनुपालना प्रकरण एवं बकाया अंकेक्षण शुल्क संबंधित प्रकरणों का भी निस्तारण सुनिश्चित किया जाए। विभिन्न ऑडिट पैरा से जुड़े प्रकरणों के लिए प्रत्येक स्वायत्तशासी संस्था को नोडल अधिकारी नियुक्त करना चाहिए। आक्षेपों के त्वरित निस्तारण के लिए शिविर भी लगाए जा सकते है। कॉटन प्रेस किशनगढ़ के बकाया आक्षेपों के निस्तारण की कार्यवाही की जाए। प्रेस के प्रशासक उपखण्ड अधिकारी किशनगढ़ को तत्काल प्रभाव से बैठक बुलाकर पैरा ड्रॉप करवाने चाहिए।
उन्होंने कहा कि विभिन्न आक्षेपों की अनुपालना रिपोर्ट लेखा अधिकारी नियंत्रण अधिकारी के माध्यम से निधि अंकेक्षण विभाग को भेजेंगे। विभिन्न स्तरों पर पेंडिंग वसूली प्रकरणों पर विशेष ध्यान दिया जाना आवश्यक है। इस प्रकार के प्रकरणों का गंभीरता के साथ त्वरित निस्तारण किया जाना चाहिए। गबन के प्रकरणों पर प्राथमिकता के साथ एफआईआर दर्ज करने की कार्यवाही की जाए। यह कार्य नियंत्रण अधिकारी के द्वारा किया जाएगा। गबन करने वाले कार्मिकों से सम्पूर्ण राशि ब्याज सहित वसूलने का प्रयास होना चाहिए।
उन्होंने कहा कि संस्थाओं द्वारा मितव्ययता के साथ जनता के धन का सदुपयोग करना चाहिए। नियंत्रण अधिकारियों को वित्त से सम्बन्धित आईडी एवं पासवर्ड की सीधी मॉनिटरिंग करनी चाहिए। इससे गबन पर अंकुश लगाया जा सकेगा। ऑडिट पैरा की पालना के समय समस्त दस्तावेज संलग्न करने आवश्यक है। वित्त संबंधित मामलों में छाया प्रति के स्थान पर मूल दस्तावेज ही भेजे जाने चाहिए। न्यून प्रगति वाली स्वायत्तशासी संस्थाओं को आगामी बैठक से पूर्व आक्षेपों एवं गबन प्रकरणों का निस्तारण करना चाहिए। बैठक में अनुपस्थित अधिकारियों को कारण बताओं नोटिस किए जाएंगे।
उन्होंने कहा कि अधिकारियों एवं कार्मिकों को लेखा संबंधित जानकारी से अपडेट रहना चाहिए। नियमानुसार कार्य करने से भविष्य में आक्षेप लगने की संभावना कम हो जाती है। नियमों के संबंध में स्पष्टता के लिए विभिन्न स्तरों पर वार्तालाप एवं मार्गदर्शन प्राप्त किया जाना चाहिए।
इस अवसर पर अजमेर विकास प्राधिकरण के आयुक्त अक्षय गोदारा, सचिव किशोर कुमार, जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मुरारी लाल वर्मा एवं शिप्रा जैन, स्थानीय निकाय विभाग की उपनिदेशक अनुपमा टेलर, देवस्थान विभाग के सहायक आयुक्त गौरव सोनी, जिला उद्योग केन्द्र के महाप्रबंधक रवीश शर्मा सहित अधिकारी उपस्थित थे।