राज्य में पहली बार अलग पेश होगा कृषि बजट
कृषि मंत्री व अधिकारियों ने किया संभाग के प्रगतिशील किसानों से संवाद
किसानों ने सरकार को बताया, कैसा होना चाहिए बजट।
अजमेर 25 नवम्बर। राज्य सरकार आगामी वित्तीय वर्ष में किसानों के लिए एक अभिनव पहल करने जा रही है। राज्य के इतिहास में पहली बार राजस्थान का कृषि बजट अलग से पेश होगा। इस बजट में खेती, किसानी, पशुपालन, डेयरी और कृषि से जुड़े प्रस्ताव पेश किए जाएंगे। मुद्दे भी वही जो किसान चाहते हैं, किसानों ने ही बताए हैं।
आगामी वित्तीय वर्ष के लिए प्रस्तुत किए जाने वाले कृषि बजट की पूर्व तैयारियों को लेकर गुरूवार को कृषि मंत्री लाल चंद कटारिया, कृषि विभाग के प्रमुख शासन सचिव दिनेश कुमार और आयुक्त डॉ. ओम प्रकाश सहित वरिष्ठ अधिकारियों ने अजमेर संभाग के प्रगतिशील किसानों, पशुपालकों, मछली पालकों, सहकारिता व डेयरी विशेषज्ञों तथा विभिन्न विषय विशेषज्ञों से सीधा संवाद किया। कृषि मंत्री कटारिया कार्यक्रम में ऑनलाइन जुड़े जबकि शेष सभी अधिकारी व किसान अजमेर में राजस्थान शिक्षा बोर्ड के रीट सभागार में उपस्थित रहे।
इस अवसर पर कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने कहा कि राज्य सरकार किसानों के लिए, किसानों का बजट पेश करने जा रही है। राजस्थान में कृषि क्षेत्र में नए युग की शुरूआत करने वाले इस कृषि बजट में उन्ही प्रस्तावों को शामिल किया जाएगा जो किसान चाहते हैं। इसी संदर्भ में सभी संभागों में किसानों, पशुपालकों, डेयरी संचालकों व मछली पालकों आदि से संवाद किया जा रहा है। किसानों से पूछा जा रहा है कि वे क्या चाहते हैं, कृषि बजट का स्वरूप कैसा होना चाहिए, राज्य सरकार और किसानों में बेहतर समन्वय कैसे स्थापित हो, किसानों की क्या आवश्यकताएं हैं।
कृषि विभाग के प्रमुख शासन सचिव दिनेश कुमार ने कहा कि संभाग स्तरीय कृषक संवाद का ये पहला कार्यक्रम अजमेर से शुरू किया गया है। संवाद में किसानों द्वारा बताए गए मुद्दों को एकजाई करके राज्य सरकार के समक्ष रखा जाएगा। साथ ही कार्यक्रम में प्राप्त सुझावों को उनकी प्राथमिकता व आवश्यकता के अनुसार राज्य बजट में शामिल किया जाएगा।
आयुक्त डॉ. ओमप्रकाश ने कहा कि बैठक में प्राप्त सुझावों की लिस्टिंग करके विषय विशेषज्ञों से भी चर्चा की जाएगी। इसके लिए कृषि विश्वविद्यालयों की भी एक बैठक आगामी दिनों में प्रस्तावित हैं । उन्होंने किसानों से आग्रह किया कि वे अपने सुझाव लिखित में भी जयपुर या अपने जिलें में अधिकारियो के जरिए सरकार तक पहुंचा सकते हैं। बैठक में संभागीय आयुक्त डॉ. वीना प्रधान,जिला कलक्टर श्री प्रकाश राजपुरोहित, अतिरिक्त संभागीय आयुक्त श्री गजेन्द्र सिंह राठौड़ सहित अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।
किसानों, पशुपालकों ने दिए यह सुझाव।
Ø राज्य सरकार जिला स्तर पर फूड प्रोसेसिंगव पैकेजिंग को बढावा दे।
Ø विभिन्न कृषि योजनाओं व अनुदान आदि का बजट बढ़ाया जाए।
Ø विभिन्न जिंसों के भंडारण गृहों और कोल्ड स्टोरेज की चेन का निचले स्तर तक विस्तार किया जाए।
Ø फार्म पॉण्ड में अनुदान बढ़ाया जाए और तकनीकी समस्याओं का समाधान हो।
Ø फल, फूल, सब्जी, खाद्यान्न आदि कृषि उपजों के लिए भंडारण, विक्रय, प्रचार प्रसार की सुविधाओं का विस्तार हो।
Ø ड्रिप इरीगेशन सिस्टम में अनुदान बढ़ाया जाए
Ø भंडार गृह खेतों तक बनाए जाएं।
Ø नहरों का विस्तार हो ताकि पानी की समस्या का समाधान हो सके।
Ø कृषकों को लोन देने की सुविधा के लिए बैंकों को पाबंद किया जाए।
Ø किसानों से संबंधित विभिन्न कार्यो के लिए मनरेगा से समन्वय किया जाए।
Ø मछली पालकों को और अधिक सुविधाएं मिलें।
Ø कृषि मंडियों का उन्नयन, नई मंडिया और कृषि कार्यालयों का विस्तार।
Ø नैनो यूरिया, नैनो डीएपी चलन को बढ़ावा मिले।
Ø खाद का समय पर भंडारण हो।
Ø अपेक्स बैकों को सक्षम बनाया जाए।
Ø ज्यादा वेयर हाउस बनाए जाएं।
Ø कृषि व पशु बीमा से संबंधित नियमों का सरलीकरण किया जाए।
Ø पशु मेलों, हाट व प्रतियोगिताओं का अधिक से अधिक आयोजन हो, ईनामी राशि बढ़े ।
Ø तारबंदी से संबंधित समस्याओं का समाधान।
Ø पशुओं से संबंधित नियमों का सरलीकरण।
Ø मिट्टी व पानी जांच की उपखण्ड स्तर पर सुविधा।
Ø किसानों को पूरी बिजली मिले।
Ø पॉली हाउस को बढ़ावा।
Ø दुग्ध उत्पादन समितियों तक सोलर प्लांट, खेतों में सौर ऊर्जा को बढ़ावा।
Ø पशु बीमारियों का नियमित टीकाकरण।
Ø किसानों व पशुपालकों को नियमित प्रशिक्षण, रिसर्च को बढ़ावा।
Ø फिश फामिर्ंग को बढ़ावा।