राजस्थान हाईकोर्ट ने वाहन फिटनेस सेंटरों के संचालन को लेकर महत्वपूर्ण फैसला सुनाया है। जोधपुर की डिवीजन बेंच, जिसमें जस्टिस डॉ पुष्पेंद्र सिंह भाटी और जस्टिस अनुरूप सिंघी शामिल हैं, ने आदेश दिया है कि जब तक किसी जिले में ऑटोमेटेड टेस्टिंग स्टेशन (ATS) स्थापित नहीं होते, तब तक उदयपुर सहित अन्य निजी फिटनेस सेंटरों को FIJA-2018 योजना के तहत अपने स्वचालित मशीनों के माध्यम से कार्य करने की अनुमति होगी।
इससे पहले, 25 सितंबर को एकलपीठ द्वारा सुनाए गए एक आदेश के खिलाफ राज्य सरकार ने डिवीजन बेंच में अपील की थी। बेंच ने आंशिक संशोधन के साथ एकलपीठ का आदेश बरकरार रखा, जिससे फिटनेस सेंटर संचालकों को राहत मिली है।
FIJA-2018 योजना के अंतर्गत, निजी फिटनेस सेंटर वाहनों की ब्रेक, लाइट, उत्सर्जन और अन्य सुरक्षा मानकों की जांच के लिए स्वचालित मशीनों का उपयोग करते हैं। नए नियमों के अनुसार, केंद्र सरकार ने 2021 में सेंट्रल मोटर व्हीकल (Twenty First Amendment) Rules में नए प्रावधान लागू किए हैं, जिसके तहत सभी प्रकार के भारी और मध्यम वाहनों की टेस्टिंग केवल ATS के माध्यम से की जाएगी।
इस आदेश से वाहन मालिकों को भी लाभ होगा, क्योंकि जिन जिलों में ATS स्थापित नहीं हुए हैं, वहां के वाहन मालिक अपने वाहनों की फिटनेस निजी सेंटरों से करवा सकेंगे। इसके अलावा, सरकार को 30 दिनों के भीतर ATS स्थापना के लिए प्राप्त आवेदनों पर निर्णय लेना होगा और चार सप्ताह में ATS की स्थापना की स्थिति पर रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी।
इस मामले में कुल 15 फिटनेस सेंटरों के संचालकों ने याचिका दायर की थी, जिसमें उदयपुर फिटनेस सेंटर, नागौर और जोधपुर के अन्य सेंटर शामिल हैं।
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