Salumbar Bypolls-राजस्थान में सलूंबर उपचुनाव जैसे-जैसे नजदीक आ रहा है, नेताओं के तेवर भी गरमाते जा रहे हैं। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंदसिंह डोटासरा ने कल कांग्रेस प्रत्याशी रेशमा मीणा के समर्थन में आयोजित जनसभा में भाजपा पर तीखा हमला बोला। डोटासरा ने सलूंबर को जिला बनाए रखने पर जोर देते हुए भाजपा सरकार पर आरोप लगाया कि वह सलूंबर का जिला दर्जा समाप्त करने की योजना बना रही है।
डोटासरा ने जनता को संबोधित करते हुए कहा, “हमने सलूंबर को जिला बनाकर जनता का हक दिया है, लेकिन भाजपा सरकार इस हक को छीनना चाहती है। हमने यहां कॉलेज, पंचायतें और जिला बनवाए, जबकि भाजपा सरकार उनकी समीक्षा की बात कर रही है।” उन्होंने सवाल किया कि क्या सलूंबर को जिला बनाना जरूरी नहीं था?
कांग्रेस नेता ने भाजपा पर प्रहार करते हुए जनता से अपील की कि 13 नवंबर को कांग्रेस प्रत्याशी रेशमा मीणा को वोट देकर उन्हें विजय दिलाएं। उन्होंने कहा, “अगर भाजपा सलूंबर का जिला दर्जा समाप्त करती है, तो हम ‘ईंट से ईंट बजा देंगे।’ हम सलूंबर को उसका हक दिलाकर ही दम लेंगे।”
उम्मीदवारों की टक्कर
सलूंबर उपचुनाव में कांग्रेस की ओर से रेशमा मीणा मैदान में हैं, जबकि भाजपा ने शांता देवी मीणा को उम्मीदवार बनाया है। शांता देवी, दिवंगत विधायक अमृतलाल मीणा की पत्नी हैं, जिनके निधन के बाद यह सीट खाली हुई थी। इन दोनों महिला उम्मीदवारों के अलावा भारत आदिवासी पार्टी (BAP) ने जितेश कटरा को उम्मीदवार बनाया है, जिससे मुकाबला त्रिकोणीय हो गया है।
क्यों है यह चुनाव खास?
सलूंबर का यह उपचुनाव केवल एक सीट का चुनाव नहीं है, बल्कि राजस्थान की सियासत में सत्ता की दिशा तय करने का एक संकेत भी है। कांग्रेस और भाजपा दोनों ही पार्टियां इस चुनाव को लेकर गंभीर हैं। कांग्रेस का दावा है कि उन्होंने सलूंबर को जिला बनाकर जनता का अधिकार दिया, जबकि भाजपा इसे एक राजनीतिक फैसला बताकर उसकी समीक्षा की मांग कर रही है। इस तरह के बयानों से सलूंबर का उपचुनाव और भी दिलचस्प हो गया है।
निष्कर्ष
डोटासरा का आक्रामक रुख और उनकी जनसभा में दिए गए भाषण ने सलूंबर उपचुनाव को एक नया मोड़ दे दिया है। जनता अब इन बयानों के बीच अपना निर्णय करेगी कि वह किसे अपना जनप्रतिनिधि चुनती है।