दौसा जिले के कालीखाड़ गांव में 5 वर्षीय आर्यन के 160 फीट गहरे बोरवेल में गिरने के बाद से रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है। बच्चे को बचाने के लिए एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें विभिन्न तकनीकों का इस्तेमाल कर रही हैं। सोमवार शाम करीब 4 बजे शुरू हुआ यह ऑपरेशन अभी भी जारी है, और टीमों ने कई देसी जुगाड़ आजमाए हैं।
रेस्क्यू ऑपरेशन की प्रगति
- खुदाई का काम:
- ऑपरेशन में 7 जेसीबी और 3 एलएनटी मशीनें लगाई गई हैं।
- बोरवेल के पास खुदाई के जरिए बच्चे को सुरक्षित बाहर निकालने की कोशिश हो रही है।
- देसी जुगाड़:
- गोल रिंग तकनीक: बच्चे को पकड़ने के लिए एक गोल रिंग उतारी गई, लेकिन वह बोरवेल के पाइप में फंसने के कारण काम नहीं कर पाई।
- लोहे की पत्तियों वाली पाइप: लोहे के पाइप पर 8 मूवेबल पत्तियां लगाकर इसे नीचे उतारा जा रहा है ताकि बच्चा इनमें फंस सके।
- सफलताएं:
- कैमरे में बच्चे की मूवमेंट देखी गई।
- बच्चे ने रस्सी पकड़ने की कोशिश की, जिससे टीमों को उम्मीद है कि वह सही स्थिति में है।
घटना का विवरण
- बच्चा घर से 100 मीटर दूर बोरवेल में गिरा।
- बोरवेल तीन साल पहले खोदा गया था लेकिन काम में नहीं लिया जा रहा था।
- गिरते वक्त आर्यन की मां पास ही मौजूद थीं।
टीमों का सहयोग
रेस्क्यू ऑपरेशन में:
- जयपुर से एसडीआरएफ और अजमेर से एनडीआरएफ की टीमें मौके पर पहुंचीं।
- विशेषज्ञों और स्थानीय प्रशासन का पूरा सहयोग मिल रहा है।
स्थानीय प्रशासन की अपील
अधिकारियों ने कहा है कि:
- स्थानीय लोग ऑपरेशन के दौरान संयम बनाए रखें।
- ऐसी घटनाओं से बचने के लिए बोरवेल को ढकने के नियमों का सख्ती से पालन किया जाए।
निष्कर्ष
रेस्क्यू ऑपरेशन में देरी के बावजूद बच्चे के मूवमेंट से उम्मीद बनी हुई है। प्रशासन और बचाव दल दिन-रात मेहनत कर रहे हैं। सभी की नजरें इस ऑपरेशन पर हैं, और हर कोई मासूम की सुरक्षित वापसी की प्रार्थना कर रहा है।