Rajasthan Bypoll को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने अपनी पूरी शक्ति झोंक दी है। गुरुवार से बीजेपी ने अपने केंद्रीय मंत्री, सांसद, राज्य सरकार के मंत्री, विधायक और पदाधिकारियों को एकजुट कर मैदान में उतार दिया है। बीजेपी इन उपचुनावों को जीतने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है, जिसमें पार्टी के बड़े नेता सक्रिय रूप से प्रचार अभियान में शामिल हो गए हैं।
राजस्थान में उपचुनाव का माहौल हुआ गर्म
बीजेपी ने राजस्थान में उपचुनावों के लिए प्रचार अभियान को अपने चरम पर पहुंचा दिया है। पार्टी ने चुनावी रणनीति के तहत हर सीट पर बड़े नेताओं को उतार दिया है, ताकि जातिगत समीकरणों को साधा जा सके और वोटरों का समर्थन जुटाया जा सके। पार्टी का प्रयास है कि हर विधानसभा क्षेत्र में बड़े चेहरों की मौजूदगी से मतदाताओं में जोश और बीजेपी के प्रति भरोसा बढ़े।
चुनावी मैदान में बड़े नेता उतरे
चौरासी विधानसभा क्षेत्र में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने बीजेपी प्रत्याशी के समर्थन में प्रचार की कमान संभाली। रामगढ़ में केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव ने भागीरथ चौधरी के साथ प्रचार किया और अधिक से अधिक मतदान की अपील की। दौसा में डिप्टी सीएम दीया कुमारी, राज्यसभा सांसद घनश्याम तिवाड़ी और गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढ़म ने अपनी मौजूदगी से चुनावी माहौल को गर्मा दिया।
जातिगत समीकरण साधने की रणनीति
बीजेपी ने उपचुनावों में जातिगत समीकरणों को साधने के लिए भी प्रमुख नेताओं को अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों में भेजा है। झुंझुनूं में उपमुख्यमंत्री प्रेमचंद बैरवा और मदन दिलावर ने मोर्चा संभाला, जबकि खींवसर में चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर, मंत्री राज्यवर्ध्धन सिंह राठौड़ और ओटाराम देवासी ने प्रचार अभियान की कमान संभाली। पार्टी ने ऐसे दिग्गज नेताओं को चुना जो क्षेत्र के जातीय समीकरणों में प्रभावी माने जाते हैं।
अन्य प्रमुख क्षेत्रों में भी प्रचार अभियान जारी
अलवर के रामगढ़ उपचुनाव में केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव के साथ पूर्व प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनियां और कैबिनेट मंत्री गौतम दक ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। इसी तरह देवली-उनियारा विधानसभा में ऊर्जा मंत्री हीरालाल नागर, भाजपा महामंत्री दामोदर अग्रवाल और विधायक जितेंद्र गोठवाल ने भाजपा प्रत्याशी के समर्थन में प्रचार किया।
चौरासी विधानसभा क्षेत्र में बीजेपी प्रदेश मंत्री मिथलेश गौतम और युवा मोर्चा प्रदेश अध्यक्ष अंकित चेची ने चुनावी रैलियां कीं। वहीं सलूम्बर में पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़, मंत्री हेमंत मीणा और प्रदेश उपाध्यक्ष नाहर सिंह जोधा ने अधिक से अधिक मतदान की अपील की।
BJP के ‘फुल एक्टिव मोड’ से मुकाबला दिलचस्प
बीजेपी ने उपचुनावों को अपने संगठन की पूरी ताकत के साथ लड़ने का फैसला लिया है। सभी बड़े नेताओं की भागीदारी और रणनीतिक रूप से जातिगत समीकरणों के हिसाब से चुनावी दौरे ने इन उपचुनावों को और भी रोचक बना दिया है। जनता की नजर अब इस पर टिकी है कि बीजेपी का यह मास्टरस्ट्रोक कितना असरदार साबित होता है।
देखने वाली बात यह है कि बीजेपी की यह जोरदार चुनावी कवायद राजस्थान की राजनीतिक जमीन पर कितना असर डालती है और क्या पार्टी अपने दम पर उपचुनावों में जीत दर्ज कर पाती है।