Rajasthan Bypoll 2024 में अब चुनावी रंग चढ़ने लगा है। दौसा की हॉट सीट पर दो बड़े नेता, सचिन पायलट और डॉ. किरोड़ी लाल मीणा, जनता को अपनी ओर खींचने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। हाल ही में पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के एक बयान ने दौसा के चुनाव में मानो आग में घी डाल दिया है। गहलोत ने दौसा चुनाव पर मैच फिक्सिंग का आरोप लगाते हुए बयान दिया, जिसके बाद ठंडा पड़ा चुनाव अचानक से गर्मा गया।
कांग्रेस की ओर से सांसद मुरारी मीणा तुरंत सक्रिय हुए और उनके समर्थन में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता सचिन पायलट मैदान में उतरे। पायलट ने सैथल में कांग्रेस उम्मीदवार दीनदयाल बैरवा के कार्यालय का उद्घाटन किया, जहां भारी भीड़ देखकर यह महसूस हुआ कि पूरा दौसा उनके समर्थन में उमड़ पड़ा है। पायलट ने ट्रैक्टर पर सवार होकर प्रचार किया, जिससे चुनावी मैदान में एक नया जोश देखने को मिला और विरोधियों के बीच हलचल मच गई।
वहीं, दूसरी ओर भाजपा के प्रमुख नेता डॉ. किरोड़ी लाल मीणा ने भी मोटरसाइकिल पर अपने समर्थकों के साथ प्रचार अभियान शुरू किया। चुनाव में अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज कराते हुए उन्होंने मैदान में जान फूंक दी। माना जाता है कि किरोड़ी लाल मीणा को चुनावी हथकंडों का माहिर कहा जाता है, और इस बार भी उन्होंने जनता से जुड़ने का मौका नहीं छोड़ा।
अब दौसा का चुनाव सीधे तौर पर सचिन पायलट और डॉ. किरोड़ी लाल मीणा के बीच प्रतिष्ठा की लड़ाई बन गया है। एक ओर किरोड़ी लाल मीणा अपने भाई के लिए केंद्रीय आलाकमान से टिकट लाने के बाद भाजपा की जीत का दावा कर रहे हैं, तो दूसरी ओर सचिन पायलट अपने गढ़ दौसा को बचाने के लिए पूरी ताकत लगा रहे हैं। पायलट यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि दौसा में जीतकर वे कांग्रेस आलाकमान के सामने मजबूती से खड़े रह सकें और अशोक गहलोत को मौका न दें।
यह उपचुनाव न केवल राजस्थान की राजनीतिक दिशा को तय करेगा, बल्कि पायलट और किरोड़ी के बीच की व्यक्तिगत प्रतिद्वंद्विता का भी गवाह बनेगा। अब देखना दिलचस्प होगा कि कौन बाजी मारता है और किसकी रणनीति काम आती है।