Rajasthan Bypoll के सात विधानसभा क्षेत्रों में हो रहे उपचुनाव में विशेष जरूरतमंद मतदाताओं के लिए घर बैठे मतदान की सुविधा शुरू हो गई है। इन क्षेत्रों में 85 साल से अधिक उम्र के बुजुर्ग और दिव्यांग मतदाता अब पोस्टल बैलेट के जरिए अपने घर से मतदान कर सकेंगे। यह सुविधा 4 नवंबर से शुरू होकर 10 नवंबर तक जारी रहेगी, जिससे ऐसे मतदाताओं को मतदान केंद्र पर जाने की जरूरत नहीं होगी।
उपचुनाव में बुजुर्ग और दिव्यांग मतदाताओं को खास सुविधा
राजस्थान के उपचुनाव वाले सात विधानसभा क्षेत्र—रामगढ़, दौसा, देवली-उनियारा, झुंझुनूं, खींवसर, सलूंबर और चौरासी—में चुनाव आयोग ने बुजुर्गों और दिव्यांगों के लिए खास होम वोटिंग सुविधा शुरू की है। इस बार 3,193 मतदाताओं ने होम वोटिंग के लिए आवेदन किया है, जबकि पिछले आम चुनाव में यह संख्या 1,862 थी, जिससे इस बार ज्यादा लोगों ने इस सुविधा का लाभ उठाया।
खींवसर उपचुनाव: होम वोटिंग के लिए 407 मतदाता पंजीकृत
खींवसर विधानसभा सीट के लिए भी विशेष इंतजाम किए गए हैं। यहां 4 से 6 नवंबर के बीच 235 बुजुर्ग और 172 दिव्यांग मतदाताओं सहित कुल 407 मतदाता अपने घर पर ही मतदान कर सकेंगे। इसके लिए 87 टीमों का गठन किया गया है, जिसमें प्रत्येक टीम में पांच सदस्य हैं। मतदान प्रक्रिया की गोपनीयता बनाए रखने के लिए मतदान की वीडियोग्राफी की जाएगी, और राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों की उपस्थिति सुनिश्चित की जाएगी।
चुनाव आयोग की दिशा-निर्देशों का पालन
जिला निर्वाचन अधिकारी अरुण कुमार पुरोहित ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशों के अनुसार, 85 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्गों और 40 प्रतिशत या उससे अधिक दिव्यांगता वाले मतदाताओं को उनकी सहमति से घर पर मतदान की सुविधा दी जा रही है। 23 अक्तूबर तक 407 पात्र मतदाताओं से आवेदन प्राप्त किए गए थे। मतदान दल सूचीबद्ध मतदाताओं के घर जाकर उनकी गोपनीयता बनाए रखते हुए मतदान करवाएंगे। यदि किसी कारणवश मतदाता मतदान नहीं कर पाते, तो 9 और 10 नवंबर को एक और प्रयास के तहत उनके घर जाकर मतदान की सुविधा दी जाएगी।
13 नवंबर को मुख्य मतदान, 23 नवंबर को मतगणना
इन क्षेत्रों में मुख्य मतदान 13 नवंबर को ईवीएम के जरिए होगा, जिसमें सुरक्षा, आवश्यक सेवाओं में व्यस्त या मतदान के दिन उपलब्ध न हो सकने वाले सरकारी कर्मचारियों के लिए भी पहले ही मतदान की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। इन सभी मतों की गिनती 23 नवंबर को की जाएगी, जिससे उपचुनाव के नतीजे घोषित होंगे।
राजस्थान में उपचुनाव के इस अनूठे पहल से जहां विशेष जरूरतमंद मतदाता सशक्त महसूस कर रहे हैं, वहीं यह लोकतंत्र में हर वर्ग की भागीदारी सुनिश्चित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।