Naresh Meena Profile: राजस्थान के टोंक जिले की देवली-उनियारा विधानसभा क्षेत्र में हुए थप्पड़ कांड ने पूरे राज्य में हलचल मचा दी है। निर्दलीय प्रत्याशी और कांग्रेस के बागी नेता नरेश मीणा ने मतदान के दौरान एसडीएम अमित चौधरी को थप्पड़ मार दिया, जिसके बाद पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया है। इस घटना के बाद से समरावता गांव में तनाव का माहौल है। समर्थकों ने हिंसा और आगजनी की, जिसमें 100 से अधिक वाहनों को आग के हवाले कर दिया गया। आइए जानते हैं नरेश मीणा के राजनीतिक जीवन और विवादों से भरे इतिहास के बारे में।
राजनीतिक पृष्ठभूमि
- गांव के सरपंच का बेटा: नरेश मीणा का पूरा परिवार राजनीति से जुड़ा है। उनके पिता कल्याण सिंह मीणा 30 वर्षों तक बारां जिले के नयागांव के सरपंच रहे, जबकि उनकी मां वर्तमान में उसी गांव की सरपंच हैं। नरेश की पत्नी जिला परिषद सदस्य हैं, और उनके छोटे भाई की पत्नी पंचायत समिति सदस्य हैं।
- कांग्रेस का पुराना कार्यकर्ता: नरेश ने छात्र राजनीति से अपने करियर की शुरुआत की। वे राजस्थान विश्वविद्यालय के महासचिव रहे हैं। सचिन पायलट के समर्थक माने जाने वाले नरेश, कांग्रेस में लंबे समय से जुड़े रहे हैं और पायलट को अपना आदर्श मानते हैं।
राजनीतिक बगावत और निर्दलीय चुनाव लड़ने का निर्णय
- टिकट की मांग और बगावत: नरेश मीणा ने कांग्रेस से कई बार टिकट मांगा लेकिन पार्टी ने उन्हें नजरअंदाज कर दिया। 2023 के विधानसभा चुनाव में उन्होंने बारां जिले की छबड़ा छीपाबड़ौद सीट से टिकट मांगा था, लेकिन पार्टी ने किसी अन्य उम्मीदवार को चुना। इस उपेक्षा के बाद नरेश ने कांग्रेस से बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया। हालांकि, वे 44,000 वोटों से हार गए।
- वापसी और पुनः बगावत: बाद में, कांग्रेस ने अनुशासन समिति की सिफारिश पर उन्हें पार्टी में वापस लिया, और नरेश ने लोकसभा चुनाव 2024 के लिए दौसा सीट से टिकट की मांग की। पार्टी द्वारा टिकट न मिलने पर नरेश ने फिर से बगावत कर निर्दलीय चुनाव लड़ने का फैसला किया, लेकिन वरिष्ठ नेताओं के कहने पर उन्होंने नाम वापस ले लिया।
देवली-उनियारा से निर्दलीय प्रत्याशी
राजस्थान उपचुनाव 2024 के दौरान, नरेश ने देवली-उनियारा से टिकट मांगा, लेकिन कांग्रेस ने उनकी मांग को नजरअंदाज कर दिया। टिकट न मिलने पर नरेश ने निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने का फैसला किया।
SDM थप्पड़ कांड और पुलिस कार्रवाई
13 नवंबर को मतदान के दौरान, किसी मुद्दे पर SDM अमित चौधरी और नरेश मीणा के बीच बहस हुई, जिसके बाद नरेश ने SDM को थप्पड़ मार दिया। इस घटना के बाद, उनके समर्थकों ने पुलिस पर हमला किया और कई वाहनों को आग लगा दी। पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया, लेकिन बाद में समर्थकों के हंगामे का फायदा उठाकर नरेश फरार हो गए।

पुलिस रिकॉर्ड और अपराध का इतिहास
- 23 मामलों में आरोप: नरेश मीणा पर कुल 23 केस दर्ज हैं, जिनमें से सात मामलों में उनकी गिरफ्तारी होनी बाकी है।
- विवादास्पद छवि: नरेश की विवादित छवि और इस थप्पड़ कांड के बाद उनके समर्थकों द्वारा की गई हिंसा से उनकी लोकप्रियता और विवादों की सूची में इजाफा हुआ है।
भविष्य की संभावनाएं
कांग्रेस के प्रति नाराजगी और निर्दलीय चुनाव लड़ने का सिलसिला दिखाता है कि नरेश मीणा की राजनीति में अपनी पहचान बनाने की कोशिश जारी है। समर्थकों की बड़ी संख्या और परिवार की राजनीतिक पृष्ठभूमि के कारण वे एक प्रभावशाली व्यक्तित्व बनकर उभरे हैं। हालांकि, उनके इस कदम के बाद उनके राजनीतिक भविष्य पर सवालिया निशान खड़ा हो गया है, और देखना यह होगा कि कांग्रेस या अन्य दल उनके लिए क्या रुख अपनाते हैं।
समरावता में हालात तनावपूर्ण, प्रशासन सतर्क
इस घटना के बाद प्रशासन ने सुरक्षा के मद्देनजर इंटरनेट सेवाएं बंद कर दी हैं और पुलिस बल तैनात कर दिया है। अब देखना यह है कि नरेश मीणा का राजनीतिक भविष्य क्या मोड़ लेता है और कानून उनके खिलाफ क्या कार्रवाई करता है।