Khinwsar Bypoll के खींवसर उपचुनाव में कांग्रेस को बड़ा झटका लगा है। कांग्रेस के कद्दावर नेता और नागौर के पूर्व जिलाध्यक्ष सुखबीर सिंह चौधरी ने समर्थकों के साथ बीजेपी का दामन थाम लिया है। जयपुर स्थित बीजेपी कार्यालय में प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ की उपस्थिति में चौधरी ने बीजेपी में शामिल होने की घोषणा की। उनके साथ 11 अन्य वरिष्ठ कांग्रेस नेता, कई सरपंच और पंचायत समिति के सदस्य भी बीजेपी में शामिल हुए।
खींवसर उपचुनाव: हनुमान बेनीवाल के गढ़ में मुकाबला रोमांचक
राजस्थान की राजनीति में खींवसर विधानसभा सीट हमेशा चर्चा का केंद्र रही है। यह सीट हनुमान बेनीवाल का गढ़ मानी जाती है, जो अब राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) के नेता हैं। इस उपचुनाव में बीजेपी ने हनुमान बेनीवाल के करीबी रहे रेवंतराम डांगा को आरएलपी की प्रत्याशी कनिका बेनीवाल के खिलाफ मैदान में उतारा है। डांगा ने 2023 के विधानसभा चुनाव में हनुमान बेनीवाल को सिर्फ 2,059 वोटों से कड़ी टक्कर दी थी, जिसके बाद से वे आरएलपी और बेनीवाल के खिलाफ मजबूत दावेदार माने जा रहे हैं।
ज्योति मिर्धा का दांव, कांग्रेस और आरएलपी को लगातार झटके
बीजेपी की प्रदेश उपाध्यक्ष डॉ. ज्योति मिर्धा ने कांग्रेस और आरएलपी के खिलाफ अभियान छेड़ रखा है। कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल होने के बाद से मिर्धा ने कांग्रेस और आरएलपी की ताकत को कमजोर करने की रणनीति अपनाई है। रेवंतराम डांगा, जो पहले हनुमान बेनीवाल के करीबी माने जाते थे, को भी मिर्धा ने बीजेपी में शामिल करवा लिया। मिर्धा के प्रयासों के कारण बीजेपी को खींवसर उपचुनाव में मजबूत स्थिति मिल रही है, जिससे यह चुनाव और भी रोचक बन गया है।
कांग्रेस से कई नेताओं का बीजेपी में शामिल होना बड़ा झटका
जयपुर में आयोजित कार्यक्रम में बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष मदन राठौड़ ने कहा कि कांग्रेस के पूर्व जिलाध्यक्ष और दो बार जिला अध्यक्ष रह चुके सुखबीर सिंह चौधरी ने बीजेपी की रीति-नीति में विश्वास जताते हुए पार्टी में शामिल होने का फैसला किया। उनके साथ लादूराम कुंदन (पंचायत समिति के सदस्य), मनमोहन चौधरी (युवा कांग्रेस अध्यक्ष), विजेंद्र चौधरी, तेजाराम चौधरी, दिनेश वैष्णव, श्रवण बिश्नोई, सुखराम बिश्नोई, सुखवीर प्रजापत, अमराराम जाजड़ा, और आदुराम लेगा सहित कई प्रमुख नेता और सरपंच भी बीजेपी में शामिल हुए।
खींवसर उपचुनाव पर देश की निगाहें
खींवसर उपचुनाव की राजनीतिक सरगर्मियां बढ़ती जा रही हैं। हनुमान बेनीवाल का गढ़ मानी जाने वाली इस सीट पर बीजेपी और आरएलपी के बीच कड़ी टक्कर देखने को मिल रही है। नागौर क्षेत्र में आरएलपी का प्रभाव अधिक होने के बावजूद, बीजेपी के आक्रामक कदम और कांग्रेस से नेताओं का बीजेपी में शामिल होना इसे बेहद दिलचस्प बना रहा है।
इस बार का खींवसर उपचुनाव राजस्थान के राजनीति का नया समीकरण तय कर सकता है, जिससे यह सीट पूरे देश का ध्यान आकर्षित कर रही है।