Jhunjhunu Bypoll- झुंझुनूं विधानसभा उपचुनाव में एक दिन का समय शेष रह गया है, और प्रचार-प्रसार अपने चरम पर पहुंच चुका है। भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) और कांग्रेस दोनों ही अपनी-अपनी ताकत झुंझुनूं में झोंक रहे हैं, लेकिन निर्दलीय उम्मीदवारों ने चुनावी माहौल को और भी दिलचस्प बना दिया है।
Jhunjhunu Bypoll बीजेपी का प्रचार अभियान
बीजेपी ने चुनावी प्रचार में पूरी ताकत झोंकी है। मुख्यमंत्री, दोनों उप मुख्यमंत्री और कई मंत्रियों ने झुंझुनूं में प्रचार किया है। बीजेपी के वरिष्ठ नेता और मंत्रियों ने लगातार झुंझुनूं में डेरा डाले रखा है। इस प्रचार अभियान में पार्टी के बड़े नेता हर क्षेत्र में सक्रिय नजर आ रहे हैं, जिससे बीजेपी के लिए चुनावी माहौल काफी गरम हो गया है।
कांग्रेस की स्थिति और अपीलें
कांग्रेस की ओर से, हालांकि, अभी तक कोई बड़ा राजनेता प्रचार में सक्रिय नहीं हुआ है। पार्टी की ओर से सांसद बृजेंद्र ओला के पुत्र अमित ओला चुनावी मैदान में हैं, और उनकी टीम ने नुक्कड़ सभाओं और सोशल मीडिया के माध्यम से प्रचार किया है। कांग्रेस ने स्थानीय नेताओं और समाज के विभिन्न वर्गों के नेताओं से अपील की है, जिनमें नवलगढ़ के पूर्व विधायक राजकुमार शर्मा और चिड़ावा नगर पालिका अध्यक्ष सुमित्रा सैनी भी शामिल हैं। इन नेताओं ने सोशल मीडिया पर वीडियो जारी कर अमित ओला के समर्थन में वोट अपील की है।
इसके अलावा, कांग्रेस के अन्य नेताओं जैसे नगमा बानो, मनीषा गुर्जर, रफीक मंडेलिया और नसीम अख्तर ने भी पार्टी प्रत्याशी को जिताने के लिए अपील की है।
निर्दलीय उम्मीदवारों का प्रभाव
निर्दलीय उम्मीदवारों के रूप में पूर्व मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने चुनावी माहौल में खासी हलचल मचा दी है। वे मुस्लिम मतदाताओं के बीच प्रचार कर रहे हैं और जनसभाओं में अच्छा समर्थन जुटाते दिखाई दे रहे हैं। हालांकि, कांग्रेस द्वारा उन पर यह आरोप भी लगाया जा रहा है कि राजेंद्र गुढ़ा भाजपा द्वारा प्रयोजित उम्मीदवार हो सकते हैं। लेकिन गुढ़ा के साथ होती भीड़ इस बात को दर्शाती है कि उनका प्रभाव क्षेत्र में बढ़ता जा रहा है।
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि इस बढ़ती भीड़ का असर मतदान में कितना होता है और परिणाम किस दिशा में बदलते हैं।