Jaipur News नीमकाथाना से पूर्व विधायक और वर्तमान में सैनिक कल्याण बोर्ड के चेयरमैन प्रेमसिंह बाजोर पर खुद को राज्यमंत्री का दर्जा देने का मामला तूल पकड़ रहा है। सोशल मीडिया प्रोफाइल और आधिकारिक पत्रों में “स्टेट मिनिस्टर” का उल्लेख करने पर उनकी महत्वाकांक्षा सवालों के घेरे में आ गई है।
क्या है मामला?
- चेयरमैन का पद: प्रेमसिंह बाजोर को हाल ही में सैनिक कल्याण बोर्ड का चेयरमैन नियुक्त किया गया है।
- यह पद कैबिनेट या राज्यमंत्री स्तर की सुविधाओं के बराबर माना जाता है।
- हालांकि, संवैधानिक तौर पर यह कोई मंत्री पद नहीं है।
- विवाद का कारण:
- बाजोर अपने आधिकारिक पत्रों और सोशल मीडिया पर खुद को “राज्यमंत्री” लिख रहे हैं।
- संवैधानिक नियमों के अनुसार, जो व्यक्ति मंत्री पद पर नहीं है, वह ऐसा दर्जा नहीं ले सकता।
राजनीतिक पृष्ठभूमि और लालसा
- बाजोर भाजपा सरकार में विधायक रह चुके हैं, लेकिन सत्ता परिवर्तन के बाद उन्हें लंबे समय तक कोई पद नहीं मिला।
- सैनिक कल्याण बोर्ड का चेयरमैन बनने के बाद भी उनकी महत्वाकांक्षा राज्यमंत्री का दर्जा पाने की बताई जा रही है।
- इस विवाद ने भाजपा के भीतर भी असहजता पैदा कर दी है।
- पार्टी के वरिष्ठ नेताओं का मानना है कि ऐसे कार्य पार्टी की छवि को नुकसान पहुंचा सकते हैं।
विवादास्पद घटनाएं
- वॉलीबॉल फेडरेशन की प्रेसवार्ता:
- बाजोर ने सैनिक कल्याण बोर्ड से जुड़े होने के बावजूद इसमें भाग लिया।
- यह स्पष्ट नहीं है कि उनकी उपस्थिति किस आधिकारिक हैसियत से थी।
- नियमों का उल्लंघन:
- संवैधानिक निर्देशों के अनुसार, पूर्व मंत्री अपने पदनाम का उपयोग नहीं कर सकते।
- चेयरमैन का पद संवैधानिक दर्जा नहीं रखता, इसलिए “स्टेट मिनिस्टर” का उपयोग करना नियमों के विरुद्ध है।
पार्टी और जनता की प्रतिक्रिया
- भाजपा के अंदर यह मामला चर्चा का विषय बना हुआ है।
- पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने इसे “नियमों का उल्लंघन” बताते हुए चिंता व्यक्त की है।
- जनता के बीच भी यह सवाल उठ रहे हैं कि क्या पद की लालसा पार्टी की छवि पर असर डाल सकती है।
निष्कर्ष
यह मामला केवल प्रेमसिंह बाजोर की महत्वाकांक्षा का नहीं, बल्कि संवैधानिक नियमों के उल्लंघन का भी है।
- ऐसे विवाद न केवल राजनीतिक दलों की छवि खराब करते हैं, बल्कि जनता के भरोसे पर भी असर डालते हैं।
- इस प्रकरण से यह स्पष्ट होता है कि राजनीति में पद और प्रतिष्ठा के लिए नियमों की अनदेखी अब भी एक बड़ी समस्या है।