Jaipur के भांकरोटा इलाके में शुक्रवार सुबह हुई दर्दनाक घटना ने पूरे राजस्थान को झकझोर कर रख दिया। गैस टैंकर में हुए धमाके ने एक किलोमीटर के क्षेत्र को तबाह कर दिया और वहां की तस्वीरें भयावह मंजर बयां कर रही हैं।
कैसे हुआ हादसा?
सीएनजी टैंकर अजमेर से जयपुर की ओर आ रहा था। जब टैंकर ने यू-टर्न लेने की कोशिश की, तो जयपुर से आ रहे एक अन्य टैंकर से जोरदार टक्कर हो गई। टक्कर इतनी भयानक थी कि तुरंत आग लग गई, जो धीरे-धीरे विकराल रूप लेती गई। यह हादसा दिल्ली पब्लिक स्कूल के सामने स्थित पेट्रोल पंप के पास हुआ।
तबाही का मंजर
टक्कर के बाद भड़की आग ने पूरे इलाके में कहर बरपा दिया। करीब 30 वाहन आग की चपेट में आकर पूरी तरह से खाक हो गए। आग की तपिश इतनी ज्यादा थी कि कई गाड़ियां जलकर राख हो गईं, और उनका अस्तित्व तक खत्म हो गया।
मृतकों और घायलों का आंकड़ा
प्रशासन ने अब तक 8 मौतों की पुष्टि की है।
स्थानीय सूत्रों का दावा है कि मृतकों की संख्या 15 से अधिक हो सकती है।
कई लोग अब भी लापता बताए जा रहे हैं, जिससे यह आंकड़ा और बढ़ने की संभावना है।
दर्जनों लोग झुलसकर घायल हो गए, जिनका इलाज अस्पताल में चल रहा है।
गलत कट बना हादसे की वजह
चश्मदीदों का कहना है कि हादसा सड़क पर गलत कट की वजह से हुआ। स्थानीय निवासी संदीप सिंह राठौड़ ने बताया कि इस जगह पर पहले भी ऐसे हादसे हो चुके हैं। अगर पहले की घटनाओं से सबक लिया गया होता, तो शायद यह त्रासदी रोकी जा सकती थी।
बचाव कार्य में जुटा प्रशासन
घटना के तुरंत बाद फायर ब्रिगेड और पुलिस की टीमें मौके पर पहुंच गईं।
एफएसएल (फॉरेंसिक साइंस लैब) की टीम आग के कारणों की जांच कर रही है।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, उपमुख्यमंत्री, और गृह राज्य मंत्री घटनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने हादसे की गहन जांच और पीड़ितों को उचित मुआवजा देने का आश्वासन दिया।
मुख्यमंत्री का बयान
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा,
“यह हादसा बेहद दर्दनाक है। सरकार घायलों और मृतकों के परिजनों को हर संभव सहायता प्रदान करेगी। इस तरह की घटनाओं से सबक लेकर सुरक्षा के सख्त उपाय किए जाएंगे।”
चश्मदीदों का अनुभव
ऑटो चालक शत्रुघ्न शाह ने बताया कि हादसे के समय गैस कोहरा जैसा दिख रहा था। आग लगने के बाद धमाकों की आवाजें आईं।
स्थानीय निवासियों ने कहा कि इस क्षेत्र में बार-बार ऐसे हादसे होते रहे हैं, और प्रशासन को इसे रोकने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए।
सावधानी और सतर्कता की जरूरत
इस हादसे ने एक बार फिर से सुरक्षा नियमों और सड़क पर सही ढंग से डिजाइन किए गए कट्स की अहमियत को रेखांकित किया है। अगर पहले से सावधानी बरती जाती, तो इतनी जानें न जातीं।
जयपुर का यह हादसा न केवल एक चेतावनी है बल्कि प्रशासन और नागरिकों के लिए सबक भी।