Jabalpur में स्कूलों द्वारा मनमानी फीस वसूली और पाठ्यक्रम में फर्जी किताबें शामिल करने के गंभीर आरोपों को लेकर हाईकोर्ट ने प्रशासन को सख्त निर्देश दिए हैं। इस मामले में जबलपुर हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी, जिसमें कई निजी स्कूलों पर शिक्षा से जुड़े नियमों का उल्लंघन करने का आरोप है।
Jabalpur में क्या है मामला?
जबलपुर के कई प्रतिष्ठित निजी स्कूल, जिनमें रॉयल सीनियर सेकेंडरी स्कूल, लिटिल किंगडम, स्मॉल वंडर्स, नचिकेता हायर सेकेंडरी स्कूल और स्टेम फील्ड इंटरनेशनल जैसे स्कूल शामिल हैं, पर आरोप है कि ये स्कूल मनमाने ढंग से फीस बढ़ा रहे हैं और फर्जी किताबों को पाठ्यक्रम में शामिल कर रहे हैं। इस मामले की जांच जबलपुर जिला प्रशासन कर रहा है, लेकिन याचिकाकर्ता स्कूल प्रबंधन का कहना है कि प्रशासन जांच के नाम पर त्यौहार के दौरान सख्त कार्रवाई कर सकता है।
हाईकोर्ट का आदेश
हाईकोर्ट में जस्टिस संजीव सचदेवा और जस्टिस विनय सराफ की युगलपीठ ने शासन की ओर से पेश की गई स्टेटस रिपोर्ट को असंतोषजनक पाया। कोर्ट ने आदेश दिया कि प्रशासन इस मामले में एक नई और विस्तृत स्टेटस रिपोर्ट पेश करे। युगलपीठ ने याचिकाकर्ता स्कूल प्रबंधन को निर्देश दिया है कि वे जांच में पूरी तरह से सहयोग करें और आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत करें।
अदालत की सख्ती
सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने स्पष्ट किया कि जब तक मामले की पूरी तरह जांच नहीं हो जाती, तब तक स्कूल संचालकों और स्टाफ के खिलाफ कोई कड़ी कार्रवाई नहीं की जाएगी। कोर्ट ने जिला प्रशासन को मामले में निष्पक्षता से जांच करने के निर्देश भी दिए हैं और स्कूल प्रबंधनों से अपेक्षित सहयोग की मांग की है।
आगे की सुनवाई
इस मामले की अगली सुनवाई 13 नवंबर को निर्धारित की गई है। याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता अंशुमान सिंह ने कोर्ट में पक्ष रखा।
हाईकोर्ट का यह रुख निजी स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता और फीस को लेकर माता-पिता और छात्रों के हितों की रक्षा के उद्देश्य से उठाया गया एक सख्त कदम माना जा रहा है।