Rajasthan पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भाजपा सांसद रमेश बिधूड़ी के विवादास्पद बयान पर नाराजगी व्यक्त करते हुए इसे न केवल निंदनीय बल्कि लोकतंत्र के लिए अपमानजनक बताया। उन्होंने कहा कि ऐसे बयान समाज में नफरत और असमानता का माहौल पैदा करते हैं और देश की राजनीति को शर्मसार करते हैं।
महिलाओं और लोकतंत्र के प्रति असंवेदनशीलता
गहलोत ने रमेश बिधूड़ी द्वारा दिल्ली की मुख्यमंत्री और प्रियंका गांधी के खिलाफ इस्तेमाल की गई भाषा को अत्यधिक आपत्तिजनक करार दिया।
उन्होंने कहा कि महिलाओं का सम्मान सुनिश्चित करना हर नेता की जिम्मेदारी है।
“इस तरह की भाषा लोकतंत्र और सामाजिक मर्यादा के खिलाफ है,” उन्होंने जोर देते हुए कहा।
भाजपा पर निशाना
गहलोत ने भाजपा को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि पार्टी को बिधूड़ी के बयान पर सख्त कार्रवाई करनी चाहिए थी।
उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा ने इस मामले में कोई ठोस कदम नहीं उठाया।
गहलोत ने कहा कि इस तरह की चुप्पी न केवल राजनीतिक मर्यादा को कमजोर करती है, बल्कि समाज में गलत संदेश भी देती है।
राजनीति में मर्यादा बनाए रखने की अपील
गहलोत ने सभी राजनीतिक दलों से आग्रह किया कि:
राजनीति में मर्यादा बनाए रखें।
महिलाओं का सम्मान सुनिश्चित करें।
समाज में नफरत और असमानता फैलाने वाले बयानों से बचें।
गहलोत का संदेश
गहलोत ने कहा कि रमेश बिधूड़ी के बयान जैसे कृत्य देश की राजनीति की गरिमा को घटाते हैं। उन्होंने नेताओं को उनकी जिम्मेदारियों का बोध कराने और राजनीति को समाज के लिए प्रेरक और समरस बनाने की जरूरत पर जोर दिया।
निष्कर्ष
अशोक गहलोत ने रमेश बिधूड़ी के बयान को असंवेदनशील और लोकतंत्र के खिलाफ बताया। उन्होंने भाजपा पर कार्रवाई न करने का आरोप लगाते हुए कहा कि राजनीति में महिलाओं का सम्मान और मर्यादा बनाए रखना बेहद जरूरी है। समाज में सकारात्मक बदलाव के लिए नेताओं को अपनी भूमिका को समझना होगा।