Rajasthan में सियासी गतिविधियां तेज होती नजर आ रही हैं। बीजेपी नेताओं के दिल्ली दौरों ने सियासी चर्चाओं को और हवा दी है। एक ओर पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की सक्रियता बढ़ी है, तो दूसरी ओर मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने भी दिल्ली में केंद्रीय नेताओं से मुलाकात की है।
अमित शाह से भजनलाल की मुलाकात
मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह और केंद्रीय वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल से मुलाकात की है। अमित शाह से इस मुलाकात के बाद राजस्थान में मंत्रिमंडल विस्तार और राजनीतिक नियुक्तियों की चर्चाएं जोरों पर हैं।
राजनीतिक नियुक्तियों की तैयारी
सूत्रों के मुताबिक, सरकार नए साल में बजट सत्र से पहले या फिर मार्च के बाद मंत्रिमंडल विस्तार कर सकती है। इसके अलावा, आगामी स्थानीय निकाय चुनावों को देखते हुए सरकार कुछ महत्वपूर्ण राजनीतिक नियुक्तियां करने की योजना भी बना रही है।
उपचुनाव की सफलता के बाद उत्साह
हाल ही में हुए उपचुनावों में मिली सफलता और सरकार के एक साल पूरे होने के मौके पर आयोजित कार्यक्रमों के बाद बीजेपी में नया जोश देखने को मिल रहा है। इस सफलता ने मंत्रिमंडल में फेरबदल और नए चेहरे शामिल करने की संभावनाओं को मजबूत किया है।
वसुंधरा राजे की सक्रियता के मायने
पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की बढ़ती सक्रियता भी चर्चाओं में है। हाल ही में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से वन-टू-वन मुलाकात की थी और अब लगातार दिल्ली के नेताओं और संघ से संपर्क बनाए हुए हैं। माना जा रहा है कि आगामी मंत्रिमंडल विस्तार में राजे कैंप के नेताओं को प्रमुख भूमिका मिल सकती है।
बजट सत्र की तैयारी
सरकार जनवरी के अंतिम सप्ताह में बजट सत्र बुलाने की योजना बना रही है। हालांकि अभी इस पर कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है, लेकिन सत्र से पहले संभावित मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं।
संघर्ष और संतुलन की राजनीति
बीजेपी में वसुंधरा राजे और भजनलाल शर्मा के अलग-अलग खेमों के बीच संतुलन साधने की कवायद जारी है। मंत्रिमंडल विस्तार में दोनों पक्षों को कैसे संतुलित किया जाएगा, यह देखना दिलचस्प होगा।
राजस्थान की राजनीति में बढ़ती हलचल यह संकेत देती है कि 2024 के चुनावों को ध्यान में रखते हुए पार्टी बड़े फैसले ले सकती है। आगामी मंत्रिमंडल विस्तार और राजनीतिक नियुक्तियां राज्य की सियासी तस्वीर को बदलने में अहम भूमिका निभा सकती हैं।