Rajasthan भाजपा ने 44 जिलों में से अब तक 16 जिलाध्यक्षों के नाम घोषित कर दिए हैं। देर रात 11 जिलाध्यक्षों के नामों की घोषणा के बाद यह प्रक्रिया तेजी से आगे बढ़ रही है। अब पार्टी 5 फरवरी तक प्रदेशाध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया पूरी करने का लक्ष्य लेकर चल रही है।
अब तक घोषित जिलाध्यक्षों की स्थिति
भाजपा ने प्रदेश में 44 संगठनात्मक जिलों के लिए जिलाध्यक्ष नियुक्त करने की प्रक्रिया शुरू की थी।
-हालिया घोषणाएं:
.30 जनवरी को: 11 जिलाध्यक्षों के नाम घोषित किए गए। इनमें कोटा शहर, कोटा देहात, गंगानगर, हनुमानगढ़, बीकानेर देहात, नागौर शहर, नागौर देहात, बाड़मेर, बालोतरा, जोधपुर शहर, और जोधपुर देहात शामिल हैं।
.25 जनवरी को: अजमेर शहर, अजमेर देहात, भरतपुर, अलवर दक्षिण और अलवर उत्तर के जिलाध्यक्ष घोषित किए गए।
घोषणाओं में देरी का कारण
भाजपा को 30 दिसंबर 2024 तक जिलाध्यक्षों की सूची घोषित करनी थी और 15 जनवरी 2025 तक प्रदेशाध्यक्ष का निर्वाचन करना था। लेकिन मंडल स्तर की राजनीति और आपसी सहमति न बन पाने के कारण यह प्रक्रिया देर से शुरू हुई।
-मंडल स्तर पर अड़चनें:
.भाजपा के पास कुल 1,058 मंडल हैं, जहां से तीन-तीन नामों का पैनल तैयार करना था।
.पैनल में स्थानीय विधायक, पूर्व विधायक, जिला पदाधिकारी और प्रमुख नेताओं की सहमति जरूरी थी।
.कई जगहों पर सहमति न बन पाने से विवाद बढ़ा, और अनुशासन समिति को हस्तक्षेप करना पड़ा।
.16 मंडल अध्यक्षों की नियुक्तियों पर रोक लगाई गई और पांच नियुक्तियां निरस्त करनी पड़ीं।
आगे की प्रक्रिया
.31 जनवरी तक: बाकी बचे 28 जिलों में जिलाध्यक्षों की घोषणा की जाएगी।
.5 फरवरी तक: प्रदेशाध्यक्ष का निर्वाचन भी पूरा कर लिया जाएगा।
राजनीतिक चुनौतियां
मंडल स्तर की राजनीति ने भाजपा के संगठनात्मक कामकाज को प्रभावित किया है। अधिक नामांकन और सहमति में देरी के चलते जिलाध्यक्षों की घोषणाओं में अड़चने आईं। इसके बावजूद, अब भाजपा तेजी से प्रक्रिया को पूरा करने की दिशा में बढ़ रही है।
निष्कर्ष
भाजपा ने संगठनात्मक चुनावों को लेकर सक्रियता दिखाई है। जिलाध्यक्षों की नियुक्ति और प्रदेशाध्यक्ष का चुनाव पार्टी को 2025 के आगामी चुनावों के लिए संगठित रूप से तैयार करने में मदद करेगा।