अजमेर, 17 मई। वार्ड 71 में वैशाली नगर में सागर विहार काॅलोनी स्थित वीर उद्यान के दिन फिरने शुरू हो गए हैं। इसकी कायाकल्प के लिए करीब 10 लाख रूपए की लागत से होने वाले विभिन्न कार्यों का शुभारंभ मंगलवार को पूर्व शिक्षा मंत्री व अजमेर उत्तर के विधायक वासुदेव देवनानी ने विधि-विधान से किया।देवनानी ने कहा कि इस उद्यान के अंदर की दशा पूरी तरह सुधारी जाएगी। अंदर चारों तरफ पाथ-वे बनेगा। टीनशेड बनाया जाएगा। इसके अलावा सौंदर्यीकरण कार्य करवाकर बच्चों के लिए झूले लगवाए जाएंगे। उद्यान का कायाकल्प होने के बाद यहां घूमने आने वाले लोगों को काफी सहूलियतें मिलेंगी। पाथ-वे बनने से बुजुर्गों सहित सभी उम्र के लोगों को सुबह-शाम वाॅक करने में सुविधा रहेगी। झूले लगने पर काॅलोनी और आसपास के क्षेत्रों व काॅलोनियों के बच्चे इस उद्यान में आकर झूलों का आनंद ले सकेंगे।देवनानी ने कहा कि इससे पहले भी वैशाली नगर क्षेत्र के अन्य उद्यानों का भी कायाकल्प कराया गया है। पुलिस लाइन स्थित अटल उद्यान की भी दशा सुधारी गई है। अजमेर उत्तर विधानसभा क्षेत्र के अन्य उद्यानों के प्रस्ताव आने पर उनका भी कायाकल्प कराने पर विचार किया जाएगा। उन्होंने कहा, उनका मूल मकसद हमेशा यही रहता है कि ज्यादा से ज्यादा से विकास कार्य हों, ताकि लोगों को इनका लाभ और सुविधाएं मिल सकें। उन्होंने नागरिकों का आह्वान किया कि वे उद्यानों के रखरखाव के लिए विकास समितियां बनाएं, विकास के लिए सतत् प्रयास करती रहें। यह समितियां अपने उद्यानों को सर्वश्रेष्ठ और शहर के अग्रणी उद्यान बनाने के लिए काम करें। उन्होंने कहा कि पर्यावरण संरक्षण के लिए भी उद्यानों का विकास जरूरी है।कांग्रेसियों को पच नहीं रहे विकास कार्य, कर रहे हैं दुष्प्रचारदेवनानी ने कहा है कि अजमेर उत्तर विधानसभा क्षेत्र में धड़ाधड़ विकास कार्य हो रहे हैं। लोगों को सुविधाएं मिल रही हैं, समस्याओं से निजात मिल रही है, लेकिन यह सब कांग्रेस नेताओं को पच नहीं रहा है। सब जानते हैं कि विकास कार्य के लिए बजट सरकार ही देती है, लेकिन विकास कार्य विधायक और सांसद की अनुशंसा पर ही स्वीकृत किए जाते हैं। उन्होंने फाॅयसागर रोड का उदाहरण देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री बजट घोषणा के तहत करीब साढ़े तीन किमी. क्षतिग्रस्त सड़क बनाने के लिए उन्होंने अभिशंसा की, जिसको सरकार ने मंजूरी दी। उन्होंने कहा कि अजमेर उत्तर विधानसभा क्षेत्र में जितने भी विकास कार्य हुए हैं, हो रहे हैं और होने वाले हैं, वह सब विधायक की अनुशंसा से हुए हैं, हो रहे हैं और होंगे। कांग्रेस नेता यह दुष्प्रचार करते हुए थकते नहीं हैं कि सारे विकास कार्य राज्य सरकार कर रही है और इसमें विधायक झूठा श्रेय ले रहे हैं। देवनानी ने कहा, वे तो जनता के लिए पूरी तरह समर्पित हैं और जनता की सुविधा के लिए ही सारे विकास कार्य कराते हैं, लेकिन कांग्रेस नेताओं को यह झूठ कहते हुए जरा भी शर्म नहीं आती है कि इसमें विधायक का कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने कहा कि खुद कांग्रेस नेता विधायक नहीं होने के बावजूद यह झूठा श्रेय लेते में बिल्कुल भी नहीं हिचकिचाते हैं कि उनकी अनुशंसा पर सरकार ने विकास कार्य मंजूर किए हैं। देवनानी ने कहा कि जब कांग्रेस नेता विधायक या सांसद ही नहीं हैं, तो उन्हें विकास कार्यों की अनुशंसा करने का कोई अधिकार ही नहीं है, तो फिर किस मुंह से वे यह झूठा प्रचार करते हैं। देवनानी ने कहा कि अजमेर उत्तर विधानसभा क्षेत्र में चालू वित्तीय वर्ष में करीब 20 करोड़ रूपए की लागत से विकास कार्य कराए जाएंगे। इससे इस क्षेत्र का चहुंमुखी विकास होने के साथ कायाकल्प भी होगा। इसके साथ ही लोगों को विभिन्न समस्याओं से निजात मिलेगी। जबकि पिछले वित्तीय वर्ष में अजमेर उत्तर विधानसभा क्षेत्र में करीब 16 करोड़ रूपए के विकास कार्य स्वीकृत किए गए, जिनमें से अनेक कार्य पूरे हो चुके हैं और शेष कार्य चल रहे हैं। उन्होंने बताया कि विधायक कोष व मुख्यमंत्री बजट घोषणा में मिले धन की पाई-पाई उत्तर विधानसभा क्षेत्र में चहुंमुखी विकास पर खर्च की जाती है।उद्यान में विकास कार्यों के शुभारंभ मौके पर क्षेत्रीय पार्षद व शहर भाजपा के महामंत्री रमेश सोनी, पूर्व मंडल अध्यक्ष राजकुमार ललवानी, विकास जैन, प्रताप पिंजानी, गजेंद्र शर्मा, चेतन सिंघल, देवेश अग्रवाल, संजय जैन, जयकिशन सोनी, अनिल सोमानी, रजनीश टांक, संजय जैदिया आदि भी मौजूद रहे।कांग्रेस सरकार उदयपुर में आकाओं की मिजाजपुर्सी में लगी रही, पीछे से गिरोह ने पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा का पेपर लीक कर लगा दी बाट-देवनानी-पेपर लीक होने पर देवनानी ने कसा तंज, कांग्रेस के शासन में एक भी परीक्षा निर्विध्न नहीं हुई-बड़े स्तर पर बैठे लोगों की रही भागीदारी, सीबीआई जांच हो, तो उतर जाए चेहरों से नकाबअजमेर, 17 मई। पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा का पेपर लीक होने पर पूर्व शिक्षा मंत्री व अजमेर उत्तर के भाजपा विधायक वासुदेव देवनानी ने सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि यह सरकार एक भी भर्ती परीक्षा निर्विध्न कराने में पूरी तरह विफल रही है। बड़े स्तर पर बैठे लोगों की ही कहीं-ना-कहीं पेपर लीक मामलों में भागीदारी रही है। सरकार को पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले की जांच सीबीआई से करानी चाहिए, ताकि इसमें लिप्त बड़े लोगों के चेहरे उजागर हो सकें।मंगलवार को जारी बयान में देवनानी ने कहा कि कांग्रेस सरकार उदयपुर में अपनी पार्टी के संगठनात्मक चिंतन शिविर में आकाओं की मिजाजपुर्सी में मशगूल रही और पीछे से एक गिरोह ने पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा का पेपर लीक कर सरकार की बाट लगा दी। उन्होंने कहा, इस परीक्षा का पेपर लीक होने से यह बात तो साफ हो गई है कि सरकार नकल विरोधी कानून केवल दिखावे के लिए आई थी। सरकार बार-बार यह दावा करती है कि नकल विरोधी कानूनी से पेपर लीक मामलों में सख्ती से निपटा जाएगा और भर्ती परीक्षाओं के दौरान कड़ी व्यवस्थाएं की जाएंगी, लेकिन पुलिस कांस्टेबल भर्ती परीक्षा से सरकार के सारे दावे झूठे साबित हो गए हैं।देवनानी ने कहा कि कांग्रेस के शासनकाल में अभी तक 11 भर्ती परीक्षाएं हुई हैं। कमोबेश सभी परीक्षाओं के पेपर लीक हुए हैं। कुछ परीक्षाएं तो नियमों की अनदेखी और प्रश्नों पर आपत्तियों के कारण विवाद का विषय रही हैं। ऐसे में कुछ परीक्षाओं के मामले कोर्ट तक भी पहुंचे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि जिन परीक्षाओं के पेपर लीक हुए हैं, उनमें सरकार से जुड़े लोग ही शामिल होते हैं। यही कारण है कि सरकार ने आज तक किसी भी पेपर लीक मामले की सीबीआई से जांच नहीं कराई। यदि सरकार सीबीआई जांच कराए, तो सरकार में बैठे कतिपय अनेक बड़े लोगों और कांग्रेस से जुड़े लोगों के चेहरों से नकाब हट सकता है। उन्होंने कहा कि रीट परीक्षा के पेपर लीक मामले में भी यही हुआ। राजीव गांधी स्टडी सर्कल के लोग ही इस मामले में शामिल रहे, यह बात पुलिस जांच में भी साबित हुई, लेकिन सरकार ने आज तक उनके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की।देवनानी ने कहा कि भर्ती परीक्षाओं के पेपर लीक होने से लाखों अभ्यर्थियों के जीवन के साथ खिलवाड़ होता है। युवा नौकरी पाने के लिए दिन-रात कड़ी मेहनत करते हैं और परीक्षा देते हैं, लेकिन जब पेपर लीक हो जाता है, तो वे हतोत्साहित और निराश हो जाते हैं और उनका मनोबल गिरता है।