Rajasthan जयपुर: एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) ने अलवर नगर निगम के राजस्व अधिकारी युवराज मीणा को तीन लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया। यह गिरफ्तारी मंगलवार रात जयपुर के विधानसभा गेट के पास की गई। अधिकारी ने रिश्वत लेने के लिए एक निजी व्यक्ति का सहारा लिया था।
घटना का विवरण
आरोप:
युवराज मीणा पर यूडी टैक्स वसूलने वाली कंपनी के कामकाज को आगे बढ़ाने के बदले 3 लाख रुपये की रिश्वत मांगने का आरोप है।
शिकायत:
कंपनी के प्रतिनिधि ने एसीबी को शिकायत दी, जिसके आधार पर एसीबी ने जाल बिछाकर कार्रवाई की।
गिरफ्तारी की प्रक्रिया:
युवराज मीणा अपनी कार से विधानसभा गेट पहुंचे।
उनके साथ आए एक व्यक्ति ने रिश्वत की राशि ली।
एसीबी ने तुरंत कार्रवाई करते हुए रिश्वत लेने वाले व्यक्ति और युवराज मीणा को उनकी कार से रंगेहाथ पकड़ लिया।
एसीबी की कार्रवाई
तलाशी अभियान:
गिरफ्तारी के बाद एसीबी ने युवराज मीणा के आमेर स्थित घर और अलवर नगर निगम कार्यालय पर छापा मारा।
सुबह 4 बजे तक चले तलाशी अभियान में कई महत्वपूर्ण दस्तावेज जब्त किए गए।
आगे की जांच:
जब्त दस्तावेजों की जांच के जरिए अन्य भ्रष्टाचार के मामलों की संभावनाएं तलाश की जा रही हैं।
अधिकारी के प्रॉपर्टी और फाइलों से जुड़ी जानकारी खंगाली जा रही है।
नगर निगम में भ्रष्टाचार का प्रभाव
राजस्व हानि:
अलवर नगर निगम में होर्डिंग टेंडर को लेकर गड़बड़ी की शिकायतें पहले से थीं।
इन गड़बड़ियों के कारण हर साल नगर निगम को करोड़ों रुपये का नुकसान हो रहा था।
भविष्य की जांच:
एसीबी को उम्मीद है कि इस मामले से जुड़े और भी भ्रष्टाचार के मामले उजागर हो सकते हैं।
अन्य राजस्व नुकसान और टेंडर गड़बड़ियों पर भी ध्यान दिया जा रहा है।
निष्कर्ष
अलवर नगर निगम में रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार के इस मामले ने नगर निगम की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। एसीबी की जांच जारी है, और इससे जुड़े अन्य मामलों के सामने आने की संभावना है। यह घटना सरकारी कार्यालयों में पारदर्शिता और जवाबदेही की आवश्यकता को रेखांकित करती है।