Dr. Manmohan Singh भारत के पूर्व प्रधानमंत्री का 92 वर्ष की आयु में दिल्ली के एम्स अस्पताल में निधन हो गया। उनकी सादगी, निष्ठा, और भारत के आर्थिक विकास में उनकी दूरदर्शिता को सदैव याद किया जाएगा।
राजस्थान से नाता– डॉ. मनमोहन सिंह का राजस्थान से विशेष जुड़ाव रहा।
2019 में राज्यसभा सदस्य चुने गए:
भाजपा सांसद मदनलाल सैनी के निधन के बाद खाली हुई राज्यसभा सीट के लिए कांग्रेस ने डॉ. मनमोहन सिंह को नामित किया। भाजपा द्वारा कोई प्रत्याशी खड़ा न करने के कारण वे निर्विरोध चुने गए।
यह उनकी छठी बार राज्यसभा सदस्यता थी। इससे पहले वे पांच बार असम से राज्यसभा सदस्य रहे थे।
राजनीतिक और आर्थिक योगदान
डॉ. मनमोहन सिंह को भारत के आर्थिक सुधारों का जनक माना जाता है।
वित्त मंत्री के रूप में आर्थिक उदारीकरण (1991) की शुरुआत की, जिससे भारत की अर्थव्यवस्था में एक नया मोड़ आया।
प्रधानमंत्री के तौर पर उन्होंने अधिकार आधारित योजनाओं की शुरुआत की, जैसे कि मनरेगा और खाद्य सुरक्षा अधिनियम।
राजस्थान के लिए योगदान
पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उनके कार्यकाल को राजस्थान के लिए लाभकारी बताया।
पचपदरा रिफाइनरी जैसी परियोजनाएं उनके कार्यकाल की देन थीं।
उनके नेतृत्व में राजस्थान को केंद्र से विशेष सहायता प्राप्त हुई।
श्रद्धांजलि संदेश
सीएम भजनलाल शर्मा: उन्होंने डॉ. सिंह के निधन को राष्ट्र के लिए क्षति बताया और शोक संतप्त परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की।
पूर्व सीएम अशोक गहलोत: उन्होंने डॉ. सिंह को “सरल, सौम्य और ईमानदारी का प्रतीक” बताते हुए उनके योगदान को याद किया।
निधन का विवरण
26 दिसंबर, रात 8:06 बजे उन्हें तबीयत बिगड़ने के कारण एम्स ले जाया गया।
रात 9:51 बजे उन्होंने अंतिम सांस ली।
डॉ. मनमोहन सिंह का जीवन संघर्ष, समर्पण और सफलता का प्रतीक है। उनकी आर्थिक दृष्टि और नेतृत्व की कमी को देश लंबे समय तक महसूस करेगा।