Jaipur-अजमेर रोड पर भांकरोटा में हुए दर्दनाक टैंकर ब्लास्ट हादसे में मृतकों की संख्या बढ़कर 19 हो गई है। सोमवार को एसएमएस अस्पताल में उपचार के दौरान दो और घायलों, यूसुफ और नरेश बाबू ने दम तोड़ दिया। चिकित्सा विभाग घायलों के इलाज में जुटा हुआ है, और गंभीर रूप से झुलसे मरीजों का इलाज एसएमएस अस्पताल में जारी है।
हादसे की पृष्ठभूमि
20 दिसंबर को भांकरोटा में एक एलपीजी टैंकर फटने से यह भीषण दुर्घटना हुई थी। विस्फोट की तीव्रता ने आसपास के क्षेत्र को बुरी तरह प्रभावित किया और कई लोगों की जान चली गई। हादसे की गंभीरता को देखते हुए जिला कलेक्टर जितेंद्र कुमार सोनी ने एक संयुक्त जांच कमेटी का गठन किया है।
मानवाधिकार आयोग की सक्रियता
राजस्थान मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष एसएमएस अस्पताल पहुंचे और घायलों की स्थिति का जायजा लिया। उन्होंने अस्पताल प्रशासन से उपचार की स्थिति और घायलों को दी जा रही सुविधाओं की जानकारी ली।
आयोग अध्यक्ष ने घायलों और उनके परिजनों से भी बातचीत की और हरसंभव मदद का आश्वासन दिया। साथ ही, इस मामले में आयोग ने स्वतः संज्ञान लेते हुए जिला प्रशासन से घटना की पूरी रिपोर्ट मांगी है।
प्रशासन की कार्रवाई और राहत प्रयास
संयुक्त जांच कमेटी: हादसे की जांच के लिए बनाई गई कमेटी घटना के कारणों की गहराई से पड़ताल कर रही है।
तत्काल राहत: जिला प्रशासन और पुलिस को प्रभावित लोगों को तत्काल राहत और सहायता देने के निर्देश दिए गए हैं।
चिकित्सा प्रयास: डॉक्टरों की टीम घायलों को बचाने के लिए हरसंभव प्रयास कर रही है।
हादसे का प्रभाव
यह भयावह अग्निकांड कई परिवारों को गहरे सदमे में छोड़ गया है। प्रभावित परिवारों को सहायता और न्याय दिलाने के लिए प्रशासन और आयोग लगातार काम कर रहे हैं। हादसे के कारणों की गहन जांच और दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग बढ़ रही है।
यह घटना राज्य में सुरक्षा उपायों और आपदा प्रबंधन की स्थिति पर सवाल खड़े करती है, और प्रशासन के लिए एक महत्वपूर्ण सबक है।