Rajasthan जैसलमेर जिले के खेतोलाई गांव की बेटी और ट्रेनी पायलट चेष्टा बिश्नोई का सड़क दुर्घटना में दुखद निधन हो गया।
पुणे के अस्पताल में चेष्टा के परिवार ने अंगदान का निर्णय लिया।
उनके हृदय, लिवर और अन्य अंगों के दान से आठ लोगों को नया जीवन मिला।
चेष्टा बिश्नोई: एक प्रेरणादायक कहानी
चेष्टा बिश्नोई खेतोलाई के पूर्व सरपंच भैराराम बिश्नोई की पड़पोत्री थीं।
उनके पिता ज्योति प्रकाश बिश्नोई और माता सुषमा बिश्नोई पोकरण में इंडेन गैस एजेंसी का संचालन करते हैं।
चेष्टा का एक भाई भी है, जो पढ़ाई कर रहा है।
समाज के लिए एक संदेश:
चेष्टा के परिवार ने अंगदान कर समाज के लिए एक संवेदनशील उदाहरण पेश किया।
अंगदान से आठ लोगों की जिंदगी बचाकर परिवार ने मानवता की मिसाल दी।
जिले में शोक की लहर:
पोकरण विधायक महंत प्रतापपुरी महाराज, पूर्व मंत्री शाले मोहम्मद, और प्रधान भगवतसिंह तंवर सहित कई जनप्रतिनिधियों ने गहरा शोक व्यक्त किया।
चेष्टा के निधन से पूरा जिला गमगीन है।
खेतोलाई की इस होनहार बेटी के विमान उड़ाने का सपना अधूरा रह गया।
अंतिम विदाई:
चेष्टा के पार्थिव शरीर को पूरे सम्मान के साथ खेतोलाई में अंतिम विदाई दी जाएगी।
उनकी मौत ने जहां एक गहरा दुख छोड़ा है, वहीं उनके अंगदान ने आठ लोगों को नई जिंदगी देकर चेष्टा की यादों को अमर कर दिया।
निष्कर्ष:
चेष्टा बिश्नोई की कहानी दुखद होते हुए भी प्रेरणादायक है।
उनकी मृत्यु ने जीवन का अनमोल संदेश दिया कि अंगदान से मृत्यु के बाद भी जीवन दिया जा सकता है।