शिव विधायक रविंद्र सिंह भाटी ने बाड़मेर-जैसलमेर में ओरण भूमि को बचाने और किसानों की समस्याओं को लेकर आवाज़ बुलंद की है। उन्होंने ओरण भूमि को केवल जमीन का टुकड़ा नहीं, बल्कि सांस्कृतिक धरोहर और अस्तित्व का प्रतीक बताया है। भाटी का कहना है कि ओरण भूमि हमारे समाज के लिए पूजनीय स्थल है और इसे बचाने के लिए ठोस सरकारी आश्वासन की आवश्यकता है।
ओरण भूमि को लेकर संघर्ष
- भाटी ने ओरण और गोचर भूमि को हमारी सांस्कृतिक पहचान का प्रतीक बताते हुए कहा कि इसे संरक्षित रखना हमारी ज़िम्मेदारी है।
- उन्होंने आरोप लगाया कि प्रशासन और सरकार इस मुद्दे पर लीपापोती कर रही हैं और कोई ठोस कदम नहीं उठा रही।
किसानों की बिजली समस्याएं
- बिजली संकट: पश्चिमी राजस्थान, जो देश के प्रमुख विद्युत उत्पादन क्षेत्रों में से एक है, वहां किसान बिजली संकट से जूझ रहे हैं।
- भाटी ने कहा कि किसानों को 6 घंटे बिजली देने का वादा भी पूरा नहीं हो रहा। कई बार एक घंटे की आपूर्ति भी ठीक से नहीं होती, जिससे फसल बुवाई और सिंचाई में कठिनाइयां हो रही हैं।
- उन्होंने डिस्कॉम के अधिकारियों को फटकार लगाई और समस्या के समाधान के लिए ठोस कार्रवाई की मांग की।
लापरवाह अधिकारियों का मुद्दा
भाटी ने सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा कि बाड़मेर-जैसलमेर को “डस्टबिन” की तरह इस्तेमाल किया जा रहा है। लापरवाह अधिकारियों को यहां तैनात करना सरकारों की बड़ी चूक है।
आंदोलन की चेतावनी
भाटी ने डिस्कॉम और सरकार को चेतावनी दी कि यदि समस्याओं का जल्द समाधान नहीं हुआ, तो वे आंदोलन करेंगे और डिस्कॉम कार्यालय का घेराव करेंगे।
भाटी का यह रुख दिखाता है कि ओरण भूमि और किसान समस्याओं को लेकर उनका संघर्ष सिर्फ बयानबाजी नहीं, बल्कि ज़मीनी स्तर पर सक्रियता का प्रतीक है।