राजस्थान सरकार ने सिंधी समाज के धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व को ध्यान में रखते हुए एक अहम निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा ने सिंधु दर्शन यात्रा पर जाने वाले तीर्थयात्रियों को आर्थिक सहायता प्रदान करने की घोषणा की है। इसके तहत प्रत्येक तीर्थयात्री को ₹15,000 की राशि दी जाएगी।
क्या है सिंधु दर्शन यात्रा?
सिंधु दर्शन यात्रा हर साल 18 जून से 30 जून तक लेह-लद्दाख में आयोजित होती है। इसका मुख्य आकर्षण 23 से 26 जून के बीच होने वाले धार्मिक और सांस्कृतिक आयोजन हैं। इस यात्रा का उद्देश्य सिंधु नदी, जो भारतीय संस्कृति और सभ्यता की प्रतीक मानी जाती है, के महत्व को उजागर करना है।
सिंधु नदी का सांस्कृतिक महत्व
- धार्मिक मान्यता: भारतीय वेदों, शास्त्रों और धार्मिक ग्रंथों में सिंधु नदी का उल्लेख किया गया है।
- राष्ट्रगान में उल्लेख: भारतीय राष्ट्रगान में सिंधु नदी का उल्लेख इसकी ऐतिहासिक और सांस्कृतिक प्रासंगिकता को रेखांकित करता है।
- सिंधी समाज के लिए महत्व: सिंधु नदी को सिंधी समाज में विशेष रूप से पवित्र माना जाता है। इसे ईष्ट देव श्री झूलेलाल जी से जोड़ा जाता है।
सरकार का कदम और समाज की प्रतिक्रिया
यह सहायता अन्य तीर्थ यात्राओं की तरह प्रदान की जाएगी, जो धार्मिक स्थलों की यात्रा करने वाले तीर्थयात्रियों के लिए प्रोत्साहन है। मुख्यमंत्री के इस कदम का श्रेय विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी को दिया जा रहा है, जिन्होंने इस विषय पर सरकार का ध्यान आकर्षित किया।
इतिहास और शुरुआत
सिंधु दर्शन यात्रा की शुरुआत 1997 में भारत रत्न और पूर्व उप-प्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी ने की थी। इसके बाद से यह यात्रा सिंधी समाज के लिए एक महत्वपूर्ण परंपरा बन गई।
समाज को क्या मिलेगा लाभ?
- आर्थिक सहायता से यात्रा का खर्च कम होगा।
- समाज की सांस्कृतिक पहचान को और मजबूती मिलेगी।
- सरकार के इस कदम से सिंधी समाज में सकारात्मक संदेश जाएगा।
यह निर्णय सिंधी समाज के लिए एक नई पहल है, जो उनके धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत के सम्मान और संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।