Rajasthan News नाथद्वारा विधायक और महाराणा प्रताप के वंशज विश्वराज सिंह मेवाड़ का आज चित्तौड़गढ़ के फतेह प्रकाश महल में राजतिलक होगा। यह ऐतिहासिक रस्म वीरता और परंपरा का अद्भुत उदाहरण है, जिसमें खून का तिलक लगाकर उन्हें राजगद्दी पर बैठाया जाएगा।
खून का तिलक: मेवाड़ की परंपरा
- इस अनोखी रस्म में सलूंबर ठिकानेदार तलवार से अपना अंगूठा काटकर विश्वराज सिंह का तिलक करेंगे।
- यह परंपरा मेवाड़ में साहस और समर्पण का प्रतीक मानी जाती है।
- तिलक समारोह के बाद वे औपचारिक रूप से मेवाड़ के दीवान कहलाएंगे।
कार्यक्रम का समय और स्थान
- राजतिलक रस्म:
- सुबह 10 बजे, चित्तौड़गढ़ के फतेह प्रकाश महल में।
- धूणी दर्शन और पगड़ी दस्तूर:
- दोपहर 2 बजे, उदयपुर के सिटी पैलेस और एकलिंगनाथ महादेव मंदिर।
- पगड़ी दस्तूर:
- समोर बाग में सफेद पगड़ी को गुलाबी पगड़ी से बदलने की रस्म।
एकलिंगनाथ जी का सम्मान
- मेवाड़ में एकलिंगनाथ जी को राजा माना जाता है।
- राजगद्दी संभालने वाला व्यक्ति स्वयं को “एकलिंगनाथ का दीवान” कहता है।
- राजतिलक के बाद पुजारी चांदी की छड़ी विश्वराज सिंह को देंगे, जो उनके दीवान पद ग्रहण करने का प्रतीक है।
विश्वराज सिंह मेवाड़: जीवन परिचय
- जन्म: 18 मई 1969।
- शिक्षा: मुंबई के सेंट जेवियर्स कॉलेज से अर्थशास्त्र में स्नातक।
- राजनीति:
- वर्तमान में नाथद्वारा से विधायक।
- उनकी पत्नी महिमा कुमारी मेवाड़, राजसमंद से सांसद हैं।
इतिहास की गूंज और परंपरा का सम्मान
यह समारोह न केवल मेवाड़ की ऐतिहासिक परंपरा का प्रतीक है बल्कि महाराणा प्रताप की महान विरासत को भी जीवंत करता है। विश्वराज सिंह मेवाड़ को उनकी नई भूमिका में शुभकामनाएं, जो न केवल राजपरंपरा बल्कि आधुनिक राजनीति में भी मेवाड़ के गौरव को बढ़ा रहे हैं।