राजधानी Jaipur में मंगलवार को तुलसी पीठ संस्थापक और जगद्गुरु रामभद्राचार्य ने देश की एकता और अखंडता पर जोर देते हुए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ‘बंटोगे तो कटोगे’ बयान का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि यदि हम सब एकजुट रहेंगे, तो कोई हमें कमजोर नहीं कर सकता। रामभद्राचार्य ने अपने बयान में कहा, “जब एक अंगुली अकेली होती है, तो कोई भी उसे आसानी से तोड़ सकता है, लेकिन जब ये अंगुलियां मिलकर मुक्का बनती हैं, तो तोड़ने वाले के दांत तक टूट जाते हैं।”
रामभद्राचार्य का यह बयान खासतौर पर महाराष्ट्र और झारखंड चुनावों के दौरान ‘बंटोगे तो कटोगे’ नारे पर आई प्रतिक्रिया को लेकर चर्चा में है। उन्होंने हिंदुओं की एकता पर जोर देते हुए कहा कि भले ही पंथ और विचारधाराएं भिन्न हों, हम सब एक हिंदू परिवार के रूप में खड़े हों।
कश्मीर पर तीखे बयान – ‘पाकिस्तान का नामो निशान मिट जाएगा’
रामभद्राचार्य ने इससे पहले श्रीराम कथा के दौरान कश्मीर, धारा-370 और पाकिस्तान को लेकर भी कड़े बयान दिए। उन्होंने कहा कि धारा-370 को हटाकर केंद्र सरकार ने कश्मीर को पूरी तरह भारत का हिस्सा बना दिया है, और यह समय दूर नहीं जब पाक अधिकृत कश्मीर (पीओके) भी भारत का अभिन्न अंग होगा। उन्होंने कहा कि जल्द ही ऐसा दिन आएगा जब विश्व के नक्शे से पाकिस्तान का नाम मिट जाएगा।
उन्होंने कश्मीर को भारत का सिरमौर बताया और कहा, “कश्मीर हमारे देश का अभिन्न अंग है, कोई भी इसे हमसे अलग नहीं कर सकता। जब तक रामभद्राचार्य का त्रिदंड है, भारत पर कुदृष्टि डालने वालों की आंखें निकाल कर रख दी जाएंगी।” उन्होंने भगवान राम का उदाहरण देते हुए कहा कि भगवान ने देश को एक करने का काम किया था, और हमें भी उसी एकता की राह पर चलना चाहिए।
नेहरू पर अप्रत्यक्ष निशाना
रामभद्राचार्य ने देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू पर बिना नाम लिए निशाना साधा। उन्होंने कहा कि देश का दुर्भाग्य रहा कि स्वतंत्रता के बाद पहले प्रधानमंत्री ने कश्मीर का एक हिस्सा पाकिस्तान को सौंप दिया और जो हिस्सा बचा उसमें धारा-370 लागू करवा दी, जिससे कश्मीर भारत से पूरी तरह से नहीं जुड़ पाया। उन्होंने कहा, “कश्मीर भारत का मुकुट है, ऋषि कश्यप की जन्मस्थली है और भगवान शिव अमरनाथ के रूप में वहां विराजमान हैं। लेकिन हमारे नेताओं ने इस पवित्र भूमि को विभाजित कर दिया।”
‘हर भारतीय को जागरूक होना चाहिए’
जगद्गुरु ने अपने संदेश में कहा कि भारत की एकता में ही देश की शक्ति है। उन्होंने लोगों से आह्वान किया कि वे जाति, धर्म, और विचारधारा के भेदभाव से ऊपर उठकर देश के लिए एकजुट रहें। उन्होंने कहा कि देश का हर नागरिक जागरूक और सतर्क रहेगा, तभी कोई भी बाहरी ताकत हमें कमजोर नहीं कर सकेगी।
रामभद्राचार्य का यह बयान देश की अखंडता और सामूहिक शक्ति की भावना को फिर से जगाने का प्रयास है। उनके इन विचारों ने जयपुर में बड़ी संख्या में लोगों को आकर्षित किया है, जो देश की एकता और सुरक्षा के प्रति जागरूकता पैदा करने में सहायक साबित हो सकते हैं।