अलवर जिले के राजगढ़ कस्बे में गुरुद्वारे के पास स्थित एक प्लास्टिक गोदाम में पटाखे की चिंगारी से आग लग गई। यह घटना उस समय हुई जब गुरुद्वारे के सेवक हरनेक सिंह ने अपनी पानी की मोटर से आग बुझाने का प्रयास किया। उनके इस प्रयास के कारण आग की लपटें कुछ हद तक रुक गईं, जिससे एक बड़ा हादसा टल गया।
आग लगने का कारण
प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, आग पटाखों की चिंगारी से लगी थी। चिंगारी गोदाम में जाकर पल भर में ही आग का रूप धारण कर लिया। गोदाम में भरे प्लास्टिक के कारण आग तेजी से फैलने लगी। यह गोदाम कृष्णावतार दिल्ली वालों का है, जो प्लास्टिक उत्पादों का भंडारण करते हैं।
आग पर काबू पाने का प्रयास
गुरुद्वारे के सेवक हरनेक सिंह ने आग बुझाने के लिए पानी की मोटर का उपयोग किया, जिससे आग की तीव्रता को कम करने में मदद मिली। इसके बाद स्थानीय निवासियों ने भी आग बुझाने का प्रयास किया। दमकल विभाग को तुरंत सूचना दी गई, और फायर ब्रिगेड की गाड़ी मौके पर पहुंची। दमकलकर्मियों ने समय रहते आग पर काबू पा लिया, जिससे बड़ी तबाही से बचा जा सका।
स्थानीय लोगों का डर
आग लगने की सूचना से आस-पास के लोग चिंतित हो गए, विशेषकर उन लोगों के लिए जो गोदाम के निकट रहते थे। आग की लपटों के बढ़ने से उनके घरों को भी खतरा था। स्थानीय लोगों ने अपनी जान जोखिम में डालकर आग बुझाने में मदद की, जिससे सामुदायिक एकता का एक उदाहरण भी देखने को मिला।
क्षति का अनुमान
इस आग में कितनी मात्रा में प्लास्टिक बचा और कितना जल गया, इसकी जानकारी अभी प्राप्त नहीं हो पाई है। लेकिन गनीमत रही कि आग से बड़ा हादसा नहीं हुआ, जिससे इलाके में राहत की सांस ली गई। आग लगने की इस घटना ने लोगों को सतर्क रहने की चेतावनी दी है, खासकर पटाखों के उपयोग के दौरान।
निष्कर्ष
राजगढ़ में यह आग की घटना एक गंभीर स्थिति को दर्शाती है, जहां प्लास्टिक के गोदाम में आग लगने से बड़े नुकसान की आशंका थी। स्थानीय प्रशासन और दमकल विभाग की तत्परता से बड़ा हादसा टल गया, लेकिन यह घटना लोगों को आग की सुरक्षा के प्रति जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण सबक भी देती है।