पुष्कर मेले में सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल अजमेर जिले के विश्व प्रसिद्ध पुष्कर मेले में इस बार सांप्रदायिक सौहार्द और आध्यात्मिकता की विशेष छटा देखने को मिलेगी। आगामी 12 नवंबर से शुरू होने वाले अंतरराष्ट्रीय पुष्कर मेले में दरगाह के खादिमों की संस्था ‘अंजुमन सैयद जादगान’ द्वारा आध्यात्मिक यात्रा का स्वागत पुष्पवर्षा से किया जाएगा। यह अनोखी पहल हिन्दू-मुस्लिम एकता और धार्मिक सौहार्द का संदेश देने के लिए की जा रही है।
अंजुमन का आध्यात्मिकता और सांप्रदायिक सौहार्द का संदेश
सोमवार को अजमेर की पारीक धर्मशाला में इस आयोजन के लिए एक बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें प्रशासनिक विभागों, आध्यात्मिक संस्थाओं और सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। बैठक में यात्रा के दौरान मार्ग व्यवस्था और सुरक्षा को लेकर विचार-विमर्श किया गया।
अंजुमन सैयद जादगान के सचिव सरवर चिश्ती ने कहा कि “पुष्कर तीर्थ का महत्व पूरी दुनिया में है। यहां हर साल लाखों श्रद्धालु आते हैं। हालाँकि प्रशासन इसे पशु मेले के रूप में दर्ज करता है, लेकिन यह मेला एक धार्मिक एवं आध्यात्मिक आयोजन है, जहां लोग आध्यात्मिक शांति और धर्म के प्रति आस्था से आते हैं।” उन्होंने आगे कहा कि इस आयोजन का नाम ‘पुष्कर आध्यात्मिक मेला’ होना चाहिए ताकि इसकी वास्तविकता और महत्व का बेहतर प्रतिनिधित्व हो।
विशाल यात्रा में सांप्रदायिक सौहार्द का अनूठा प्रदर्शन
पुष्कर में निकलने वाली इस आध्यात्मिक यात्रा का स्वागत अंजुमन के सदस्यों द्वारा पुष्पवर्षा के साथ किया जाएगा। इस दौरान हिन्दू-मुस्लिम एकता का अनूठा उदाहरण पेश करते हुए यह यात्रा धार्मिक सौहार्द और भाईचारे का संदेश लेकर चलेगी। खास बात यह है कि इस यात्रा में देसी और विदेशी सैलानियों के साथ लाखों श्रद्धालु भी भाग लेंगे।
पुष्कर सरोवर में पवित्र स्नान और विश्व के इकलौते ब्रह्मा मंदिर के दर्शन करने का महत्व हर श्रद्धालु के लिए अद्वितीय है, और इसी भावना को बनाए रखने के लिए अंजुमन का यह स्वागत समारोह सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल प्रस्तुत करेगा।
इस बैठक में गरीब नवाज सूफी मिशन सोसाइटी के काज़ी मुनव्वर अली, वरिष्ठ पत्रकार नवाब हिदायत उल्ला, अंजुमन के उपाध्यक्ष कलीमुद्दीन चिश्ती और अन्य गणमान्य लोग मौजूद रहे। इस पहल से पुष्कर मेले की गरिमा में और वृद्धि होगी और पूरे विश्व में सांप्रदायिक सौहार्द और आध्यात्मिकता का संदेश जाएगा।