बालमुकुंद आचार्य जयपुर में धार्मिक समरसता को लेकर तनाव का माहौल उस वक्त गहराता दिखा जब ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के जनरल सेक्रेटरी यासुब अब्बास ने हवामहल विधायक बालमुकुंद आचार्य पर धार्मिक भावनाओं को आहत करने के गंभीर आरोप लगाए। शिया समुदाय का आरोप है कि विधायक लगातार उनकी सहनशीलता की परीक्षा ले रहे हैं, और यदि जल्द ही उचित कार्रवाई नहीं हुई तो मजबूर होकर चक्काजाम का सहारा लिया जाएगा। इस मुद्दे की गंभीरता अब दिल्ली तक जा पहुंची है, जहाँ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से भी इस विषय में हस्तक्षेप की मांग की गई है।
क्या है पूरा मामला?
शिया समुदाय ने इमाम हुसैन के चालीसवें का जुलूस जयपुर के कौमी इमामबाड़ा से कर्बला रामगढ़ मोड़ तक पारंपरिक रूप से निकाला था। इस पवित्र जुलूस के दौरान विधायक बालमुकुंद आचार्य द्वारा जुलूस को लेकर की गई कथित टिप्पणी और हस्तक्षेप को लेकर विवाद उत्पन्न हुआ। जुलूस के दौरान जोरावर सिंह गेट के पास विधायक आचार्य और शिया समुदाय के सदस्यों के बीच नोकझोंक हो गई, जिससे धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची।
शिया समुदाय का कहना है कि इस जुलूस की तारीख, समय, और मार्ग प्रशासन में दर्ज हैं और पुलिस प्रशासन के सहयोग से यह जुलूस शांतिपूर्वक निकाला जा रहा था। बावजूद इसके, विधायक की इस दखलअंदाजी से समुदाय में आक्रोश बढ़ा है।
22 अक्टूबर को घटित दूसरा विवाद
इस विवाद के बाद 22 अक्टूबर को एक और घटना ने माहौल को और तनावपूर्ण बना दिया। शिया समुदाय के आरोप हैं कि विधायक बालमुकुंद आचार्य और उनके कुछ समर्थक जबरन इमामबाड़े में घुस आए और नमाज के दौरान शांति भंग करने की कोशिश की। आरोप है कि विधायक द्वारा महिला उपासकों के साथ दुर्व्यवहार किया गया और इमामबाड़े की संपत्ति को भी नुकसान पहुंचाया गया। इस घटना से इलाके में तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई और शिया समुदाय में गुस्सा और आक्रोश भर गया।
दिल्ली तक पहुंची मांग, सख्त कार्रवाई का दबाव
ऑल इंडिया शिया पर्सनल लॉ बोर्ड के जनरल सेक्रेटरी यासुब अब्बास ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मुलाकात कर हस्तक्षेप की मांग की है। रक्षा मंत्री ने भी स्थिति का संज्ञान लेते हुए उचित कार्रवाई का आश्वासन दिया है। वहीं, शिया समुदाय ने राजस्थान के मुख्यमंत्री से भी समय मांग कर विधायक के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग उठाई है।
यदि समुदाय की मांग पर कार्रवाई नहीं होती है, तो शिया समुदाय ने चेतावनी दी है कि वे शांतिपूर्ण चक्काजाम और धरना प्रदर्शन करेंगे, जिससे इस मामले को जनता के सामने प्रमुखता से लाया जाएगा।