मथुरा (राधाकुंड): कुसुम सरोवर का गेट खोलने और बंद करने को लेकर प्रशासन और स्थानीय सरदारी के बीच विवाद गहरा गया है। हाल ही में सोशल मीडिया पर वायरल हुए एक ऑडियो में राजस्थान की सरदारी के एक सदस्य और एक पुरातत्व अधिकारी के बीच की बातचीत सुनी जा सकती है। इसमें सरदारी का शख्स, खुद को राजस्थान के डीग किला, जल महल, और भरतपुर के किले जैसे अन्य पुरातात्विक स्थलों का उदाहरण देते हुए कुसुम सरोवर का गेट खुलवाने की मांग कर रहा है।
इस ऑडियो में बताया जा रहा है कि राधाकुंड पुलिस, स्थानीय अधिकारियों के आदेश का हवाला देते हुए सरोवर के गेट को बंद कर देती है। इस विवाद के चलते मथुरा के जिलाधिकारी को जल्द ही सरोवर खुलवाने के संबंध में पत्र लिखने की योजना है। फिलहाल कुसुम सरोवर पर सौंदर्यीकरण का काम चल रहा है, जिसके बाद इसे अन्य धरोहरों की तरह तय समय पर खुलवाने पर विचार किया जा रहा है।
प्रशासन की स्थिति:
- राजीव त्रिवेदी, क्षेत्रीय पुरातत्व अधिकारी, लखनऊ ने कहा कि कुसुम सरोवर के संरक्षण का जिम्मा पुरातत्व विभाग और प्रशासन के पास है, और पुलिस द्वारा गेट बंद करवाने की बात सही नहीं है।
- विनोद बाबू मिश्र, थाना प्रभारी, गोवर्धन ने बताया कि प्रशासनिक व्यवस्थाओं के कारण यहां नो एंट्री व्यवस्था पहले से है।
- नीलम श्रीवास्तव, एसडीएम, गोवर्धन ने स्पष्ट किया कि पूर्व में हुई डूबने की घटनाओं को ध्यान में रखते हुए, पुरातत्व विभाग के साथ परामर्श कर सरोवर का प्रवेश बंद किया गया है।
कुसुम सरोवर के भविष्य को लेकर सरदारी और प्रशासन के बीच संवाद की आवश्यकता है, ताकि एक सुरक्षित और संतुलित व्यवस्था बनाई जा सके जिससे श्रद्धालु और पर्यटक दोनों लाभान्वित हों।