दौसा न्यूज़ प्रत्याशी के नाम की घोषणा में उलझी कांग्रेस में विधानसभा उपचुनावों के लिए भाजपा द्वारा उम्मीदवार की घोषणा के बाद कांग्रेस में प्रत्याशी चयन को लेकर कश्मकश की स्थिति उत्पन्न हो गई है। भाजपा ने इस सीट पर पूर्वी राजस्थान के कद्दावर नेता और भजनलाल सरकार में मंत्री किरोड़ीलाल मीणा के भाई जगमोहन मीणा को टिकट दिया है, जिससे कांग्रेस के चुनावी समीकरण गड़बड़ा गए हैं।
भाजपा का मजबूत दांव
राजस्थान की दौसा सीट पर भाजपा की निगाहें हैं, क्योंकि पिछले लोकसभा चुनाव में उन्होंने यहां से जीत हासिल करने के लिए काफी प्रयास किए थे, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा था। कांग्रेस के मुरारीलाल मीणा ने यहां से सांसद का चुनाव जीता था। अब जब इस सीट पर उपचुनाव हो रहे हैं, भाजपा ने जगमोहन मीणा को उम्मीदवार बनाकर एक मजबूत दांव खेला है।
कांग्रेस के लिए नई चुनौती
भाजपा के प्रत्याशी की घोषणा के बाद कांग्रेस की स्थिति टेंशन में आ गई है। दौसा सांसद मुरारीलाल मीणा के करीबी हरिकेश मीणा, जो राजस्थान सरकार के सार्वजनिक निर्माण विभाग में मुख्य अभियंता थे, ने चुनाव लड़ने की इच्छा व्यक्त की है। हालांकि, भाजपा द्वारा एसटी कैंडिडेट का नाम घोषित किए जाने से कांग्रेस को सामान्य और एससी उम्मीदवार का चयन करना मजबूरी बन गया है।
संभावित उम्मीदवारों की चर्चा
सूत्रों के मुताबिक, सांसद मुरारीलाल मीणा हरिकेश मीणा को कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ाना चाहते हैं। यदि कांग्रेस ब्राह्मण उम्मीदवार को टिकट देती है, तो महेश शर्मा और समृद्धि शर्मा के नाम चर्चा में हैं। वहीं, यदि एससी पर दांव लगाया जाता है, तो केवल डीसी बैरवा का नाम सामने आता है। इसी उहापोह के कारण कांग्रेस की तरफ से टिकट की घोषणा में देरी हो रही है।
नए प्रत्याशी की तलाश
कांग्रेस की रणनीति में बदलाव की संभावना जताई जा रही है। पार्टी नए प्रत्याशी की तलाश में लगी है, और हरिकेश मीणा भी वीआरएस लेकर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं। यदि कांग्रेस किसी अन्य को प्रत्याशी बनाती है, तो दौसा विधानसभा उपचुनाव में त्रिकोणीय मुकाबले की संभावना बढ़ जाएगी।
निष्कर्ष
दौसा में उपचुनावों के प्रति बढ़ती सक्रियता और भाजपा के द्वारा किए गए उम्मीदवारों के चयन ने कांग्रेस को एक नई चुनौती दी है। इस स्थिति में कांग्रेस को जल्द ही अपने प्रत्याशी का चयन करना होगा, ताकि वे चुनावी मैदान में मजबूती से उतर सकें। अब देखना होगा कि कांग्रेस अपने उम्मीदवार के चयन में किस दिशा में आगे बढ़ती है और यह चुनावी समीकरण कैसे बदलते हैं।