महाराष्ट्र की जिम्मेदारी राजस्थान उपचुनाव से दूर रहेंगे गहलोत और पायलट राजस्थान में आगामी उपचुनावों के ऐलान के बाद कांग्रेस ने अपने दो प्रमुख नेताओं, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट, को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की जिम्मेदारी सौंप दी है। इसके चलते दोनों दिग्गज नेता प्रदेश के उपचुनावों में सक्रिय भूमिका निभाते नजर नहीं आएंगे।
गहलोत और पायलट को महाराष्ट्र में अहम जिम्मेदारी
कांग्रेस हाईकमान ने अशोक गहलोत और सचिन पायलट को महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के लिए सीनियर ऑब्जर्वर नियुक्त किया है। अशोक गहलोत को डॉ. जी. परमेश्वर के साथ मुंबई और कोंकण क्षेत्र की जिम्मेदारी सौंपी गई है, जबकि सचिन पायलट को उत्तम कुमार रेड्डी के साथ मराठवाड़ा क्षेत्र की कमान दी गई है। इन नेताओं को सिर्फ चुनावी दौरे नहीं करने बल्कि पूरे चुनाव प्रबंधन का सूक्ष्म स्तर पर ध्यान रखने का निर्देश दिया गया है।
उपचुनाव और महाराष्ट्र चुनाव की तारीखें
राजस्थान में 13 नवंबर को सात विधानसभा सीटों के उपचुनाव होने हैं, जबकि महाराष्ट्र में 20 नवंबर को मतदान होगा। हालांकि दोनों राज्यों के चुनाव की तारीखें अलग हैं, लेकिन कांग्रेस ने यह सुनिश्चित किया है कि गहलोत और पायलट महाराष्ट्र चुनाव में पूरी तरह से सक्रिय रहें। इस निर्णय को पार्टी की ओर से एक रणनीतिक कदम माना जा रहा है, जहां हरियाणा चुनावों के अनुभव को ध्यान में रखते हुए पार्टी नेतृत्व ने माइक्रो मैनेजमेंट पर जोर दिया है।
उपचुनावों से दूरी का राजनीतिक नजरिया
राजस्थान की जिन सात विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं, उनमें से कुछ सीटें सीधे तौर पर पायलट गुट से जुड़ी मानी जाती हैं। खासकर झुंझुनू, देवली-उनियारा और दौसा सीटों पर सचिन पायलट की मजबूत पकड़ है। वहीं, अशोक गहलोत पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री हैं, जिनकी मौजूदगी इन उपचुनावों में महत्वपूर्ण हो सकती थी। लेकिन महाराष्ट्र चुनावों में उनकी जिम्मेदारी के कारण, दोनों नेता राजस्थान के उपचुनावों से दूर रहेंगे।
डोटासरा और टीकाराम जूली को मिलेगा नेतृत्व का मौका
गहलोत और पायलट की अनुपस्थिति में राजस्थान के प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली को उपचुनावों में अपनी नेतृत्व क्षमता दिखाने का पूरा मौका मिलेगा। डोटासरा ने इस बारे में पूछे गए सवाल पर कहा कि गहलोत और पायलट की भूमिका उपचुनावों में भी महत्वपूर्ण होगी, भले ही वे शारीरिक रूप से मौजूद न हों।
सीटवार प्रभारी नियुक्त
कांग्रेस ने उपचुनावों के लिए सातों विधानसभा सीटों पर प्रभारी सचिवों को भी नियुक्त कर दिया है। चिंरजीवी राव को झुंझुनू, खींवसर और रामगढ़ विधानसभा सीट, ऋत्विक मकवाना को सलूंबर और चौरासी सीट, जबकि पूनम पासवान को दौसा और देवली-उनियारा विधानसभा सीट की जिम्मेदारी सौंपी गई है। इन प्रभारियों को चुनावी रणनीति और प्रबंधन का कार्यभार सौंपा गया है ताकि पार्टी की जीत सुनिश्चित की जा सके।
इस प्रकार, राजस्थान के उपचुनावों में भले ही गहलोत और पायलट मौजूद न हों, लेकिन कांग्रेस ने यह सुनिश्चित किया है कि पार्टी की चुनावी तैयारियों में कोई कमी न आए।