Indore Girl Ojasvi Gupta Missing ओजस्वी गुप्ता, जो इंदौर की रहने वाली और NIT Trichy में पढ़ने वाली एक मेधावी छात्रा थी, 17 दिनों से लापता है। उसने JEE परीक्षा में देश भर में 72वीं रैंक हासिल की थी और NIT Trichy में पोस्ट ग्रेजुएशन कर रही थी। 15 सितंबर को आखिरी बार उसे कॉलेज परिसर से बाहर जाते हुए CCTV में देखा गया था, और तब से उसका कोई सुराग नहीं मिला है।
ओजस्वी के लापता होने से पहले उसने चार पन्नों का एक नोट छोड़ा था, जिसमें कई चौंकाने वाली बातें लिखी हैं। उसने इस नोट में मानसिक तनाव और क्लास रिप्रेजेंटेटिव (CR) बनने के बाद से कुछ लोगों द्वारा उसे टॉर्चर किए जाने का भी उल्लेख किया है। इसके बाद से ही ओजस्वी गायब है।
Indore Girl Ojasvi Gupta Missing परिवार की आखिरी बातचीत
ओजस्वी के पिता नरेश गुप्ता ने बताया कि 14 सितंबर को उनकी बेटी से आखिरी बार बात हुई थी। उस समय ओजस्वी ने बताया था कि उसे क्लास रिप्रेजेंटेटिव बना दिया गया है और पढ़ाई का दबाव अधिक हो गया है, लेकिन उसने किसी गंभीर समस्या का जिक्र नहीं किया था। अगले दिन जब ओजस्वी से संपर्क नहीं हो पाया, तो परिवार को एनआईटी से कॉल आया कि वह लापता है।
क्या कहता है आखिरी नोट?
ओजस्वी के कमरे में मिले चार पन्नों के नोट में उसने अपने तनाव के बारे में विस्तार से लिखा है। उसने CR बनने के बाद से बढ़ते मानसिक दबाव और कुछ लोगों द्वारा उसे तंग करने का भी उल्लेख किया। हॉस्टल की अन्य लड़कियों ने बताया कि वह 15 सितंबर की रात तक उनके साथ पढ़ाई कर रही थी, लेकिन अगली सुबह जब वे जागे, तो वह कमरे में नहीं थी। उसके कमरे में मिले इस नोट से यह स्पष्ट होता है कि वह लंबे समय से मानसिक परेशानी का सामना कर रही थी।
पुलिस और परिवार की तलाश जारी
तमिलनाडु पुलिस और ओजस्वी के परिवार की ओर से उसे ढूंढने के हरसंभव प्रयास किए जा रहे हैं। ओजस्वी के परिजनों ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव से मदद की गुहार लगाई है। ओजस्वी के लापता होने के कारणों पर पुलिस जांच कर रही है, लेकिन अब तक कोई ठोस सुराग नहीं मिल पाया है।
सवाल खड़े करती घटना
ओजस्वी गुप्ता का लापता होना केवल एक छात्रा का गायब होना नहीं, बल्कि समाज के लिए एक गंभीर सवाल खड़ा करता है। उच्च शिक्षा संस्थानों में पढ़ाई के साथ मानसिक दबाव और प्रतियोगिता का तनाव छात्रों पर भारी पड़ता है। ओजस्वी जैसे होनहार छात्रों की मानसिक स्थिति को समझने और उनके साथ सहानुभूति से पेश आने की जरूरत है।