मध्य प्रदेश में सितंबर महीने में मासूम बच्चियों के साथ दुष्कर्म की वारदात लगातार सामने आईं है। राजधानी भोपाल, हरदा और रतलाम में बच्चियों के साथ हुई दुष्कर्म की घटनाओं ने पूरे प्रदेश में सनसनी फैला दी। रतलाम के एक प्राइवेट स्कूल में पांच साल की बच्ची से हुए रेप के मामले में बीते दिन अभिभावकों ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया। यूकेजी की बच्ची के साथ हुए यौन शोषण के मामले की जांच के लिए रतलाम एसपी अमित कुमार ने एसआईटी (स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम) का गठन कर दिया है। वहीं, पांच दिन के लिए स्कूल को सील कर दिया गया है। इस बीच स्कूल को सुरक्षा के सभी इंतजाम पूरे करने होंगे। जांच के बाद ही स्कूल दोबारा खोला जा सकेगा। वहीं, एसआईटी मामले की जांच कर रिपोर्ट पेश करने के लिए 15 दिन का समय दिया गया है। इस घटना को चिन्हित और सनसनी खेज केस में लिया गया है।
सबसे पहले जानिए क्या है मामला?
रतलाम शहर के औद्योगिक थाना क्षेत्र में संचालित एक निजी स्कूल में यूकेजी में पढ़ने वाली पांच साल की बच्ची को तीन दिन तेज बुखार आ रहा था, उसे टॉयलेट करने में भी तकलीफ हो रही थी। 27 सितंबर की रात बच्ची टॉयलेट के लिए उठी तो उसने अपनी मौसी को बताया कि उसे प्राइवेट पार्ट पर जलन हो रही है। बच्ची की मौसी ने उसकी मां को इसकी जानकारी दी। मां ने बच्ची से पूछा तो उससे बताया कि स्कूल में एक लड़का गंदी काम करता है। आधी रात को यह सुनकर मां के होश उड़ गए। उन्होंने बच्ची को संभाला और सुबह होते ही बच्ची के पिता और भाई को इसकी जानकरी दी। परिजन बच्ची को लेकर स्कूल गए, जहां वह उन्हें स्कूल की तीसरी मंजिल पर बने कमरे में ले गई, जहां उसके साथ गलत हरकत की गई थी। इस दौरान बच्ची ने स्कूल में मौजूद बाल अपचारी को भी पहचान लिया और इशारा कर बताया कि उसी ने कपड़े उतारकर मेरे साथ गंदा काम किया था। यह बाल अपचारी स्कूल के कर्मचारी का बेटा है, जो उसी स्कूल में कक्षा 10वीं का छात्र है। आरोपी ने स्कूल की तीसरी मंजिल पर बने अपने कमरे में बच्ची के साथ यौन शौषण किया था। जिससे बच्ची को तेज बुखार रहा और टॉयलेट करने में भी तकलीफ हो रही थी। मां ने पुलिस को दी शिकातय में बताया है कि 24 सितंबर को स्कूल के समय में बाल अपचारी ने उसकी बेटी के साथ यौन शोषण किया था। इसके बाद पुलिस ने आरोपी बाल अपचारी को बाल संप्रेषण गृह भेज दिया।
विरोध कर परिजनों ने डायरेक्टर और प्रिंसिपल से पूछे ये सवाल?
इधर, सोमवार को मामले की जांच में लापरवाही और स्कूल में सुरक्षा के इंतजाम करने की मांग को लेकर बीते सोमवार को बच्ची के परिजनों और अन्य अभिभावकों ने स्कूल का घेराव कर लिया। सोमवार सुबह मासूम बच्ची के परिजनों के साथ बड़ी संख्या में अन्य अभिभावक भी स्कूल पहुंच गए। जहां, उन्होंने स्कूल प्रबंधन से बच्चे बच्चियों की सुरक्षा को लेकर परिजनों ने सवाल जवाब किए, लेकिन स्कूल प्रबंधन द्वारा संतुष्टिपूर्वक जवाब नहीं दिया गया। इसके बाद परिजनों और अभिभावकों का आक्रोश बढ़ गया। यहां अभिभावकों ने जमकर हंगामा किया और स्कूल के सामने सड़क पर धरने पर बैठ गए। हंगामे की सूचना पर एसडीएम अनिल भाना, तहसीलदार ऋषभ ठाकुर, सीएसपी अभिनव वारंगे, आईए थाना प्रभारी वीडी जोशी बल के साथ मौके पर पहुंचे। अधिकारियों ने अभिभावकों से चर्चा की, लेकिन अभिभावक स्कूल डायरेक्टर राकेश देसाई, प्रिंसिपल श्वेता विंचुरकर और क्लास टीचर के खिलाफ कार्रवाई की मांग पर अड़े रहे। इस बीच कुछ पेरेंट्स स्कूल के ऑफिस में घुस गए और स्कूल डायरेक्टर राकेश देसाई, प्रिंसिपल श्वेता विंचुरकर को घेर लिया। पेरेंट्स पूछने लगे कि बच्चियां स्कूल आएंगी, तो स्कूल में क्या सुरक्षा दी जाएगी? आप गारंटी लेते हो? स्कूल में ऊपरी मंजिल पर सीसीटीवी क्यों नहीं है। पेरेंट्स की मांग है कि पूरे स्कूल परिसर में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं। हमें भी उसकी आईडी दी जाए, ताकि हम समय समय पर बच्चों को देख सकें।
अब तक क्या कार्रवाई हुई?
- रतलाम एसपी अमित कुमार ने मामले की जांच के लिए एसआईटी (स्पेशल इन्वेस्टीगेशन टीम) गठित कर दी है।
- 15 दिन में टीम को मामले की जांच कर रिपोर्ट पेश करना होगी।
- एसआईटी के प्रमुख रतलाम सीएसपी अभिनव वारंगे बनाएं गए हैं, साथ ही टीम में थाना औद्योगिक क्षेत्र के प्रभारी वीडी जोशी और अन्य 5 अफसर-कर्मचारी शामिल किए गए हैं
- घटना की गंभीरता को देखते हुए इस केस को चिन्हित और सनसनी खेज मामले में शामिल किया गया है, ताकि मासूम को जल्द से जल्द न्याय दिलाया जा सके।
- अभिभावकों के बयान के आधार पर थाना पुलिस ने स्कूल प्रबंधन को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है।
- पांच दिन के लिए स्कूल सील किया गया है, इस दौरान प्रबंधन को सुरक्षा के सभी इंतजाम पूरे करने होंगे।
- रतलाम पुलिस ने स्कूल, कॉलेज और हॉस्टल के लिए 18 बिंदुओं की एडवाइजरी जारी की है, जिसका सभी को पालन करना होगा