माननीय मुख्यमंत्री वित्तमंत्री एवं पशुपालन, गोपालन मंत्री का आभार पूर्व सरकार की गौपालन योजनाओं को जारी रखने पर माननीय पशुपालन मंत्री का आभार
राज्य सरकार द्वारा आज बजट में की गई गोपालन, पशुपालन विभाग की पूर्व सरकार की योजनाएँ जारी रखने पर प्रदेश के 7 लाख पशुपालक आभार व्यक्त करते है। मुख्यमंत्री जी इन योजनाओं को जारी रखने से राजस्थान दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में प्रथम स्थान भविष्य में जारी रख सकेगा। वित्त मंत्री महोदया ने आज जोकि घोषणाओं की जो कि स्वागत योग्य है।
उपरोक्त घोषणाओं से पशुपालक पशुओं की चिकित्सा, नस्ल सुधार एवं अन्य कार्यक्रम में अधिक रूचि लेंगे। गोषालाओं में अनुदान जारी रखने से आवारा पशुओं की संख्या पर नियत्रंण होगा एवं किसानों की फसलों की रक्षा हो सकेगी इसी प्रकार गोपालन KCC योजना में धन आवटिंत करने से पशुओं के लिए रवेली कोटे, छप्पर, चारा, पशु आहार आदि की व्यवस्था करने में पशुपालकों को मददगार होगी इसके अतिरिक्त पंचायत समिति स्तर पर नंदीशाला योजना से पंचायत समिति स्तर के आवारा, अपंग एवं विकलांग पशुओं का सरक्षण हो सकेगा। राज्य सरकार ने कत्ल खाने में जाने वाले पशुओं को बचाने के लिए जो धनराशि आवंटित की है उससे गौवंश में वृद्धि होगी।
मुख्यमंत्री द्वारा मुख्यमंत्री दुग्ध उत्पादक सम्बल योजना में सहकारी क्षेत्र में दूध देने वाले पशुपालको को 5 रूपये प्रति लीटर का अनुदान मद में 600 करोड आवंटित करने पर दूध संकलन में वृद्धि होगी एवं सहकारी क्षेत्र के दुग्ध संघ प्राईवेट डेयरी जैसे अमूल डेयरी, मदर
डेयरी, लोटस डेयरी, पायस डेयरी, से दूध खरीदने में मुकाबला कर सकेगी। यह सर्वविदित है की वर्तमान में राजस्थान प्रदेश देश में दूध उत्पादन के क्षेत्र में प्रथम स्थान पर है एवं दूध उपभोग में भी पंजाब के बाद 490 ग्राम प्रति व्यक्ति की दर से दूसरे स्थान पर है। यह हकीकत है की प्रदेश में पशुपालन ही ग्रामिण अर्थव्यवस्था की मुख्य जीवन रेखा है। निकट भविष्य में यह उत्तरोत्तर प्रगति करती रहेगी।
राज्य सरकार ने नस्ल सुधार जिसमें सेक्स सोर्टेड सीमन एम्ब्रोबायोग्राफी पर विशेष ध्यान रखा है। निकट भविष्य में बछडे उत्पादन पर नियत्रंण हो सकेगा। जिससे किसानों आर्थिक राहत मिलेगी। अतः में राजस्थान सरकार को अनुरोध है की मिड-डे-मील योजना में दूध सप्लाई योजना को जारी रखा जाये। इससे प्रदेश के बच्चो का स्वास्थ्य भी मजबूत होगा एवं सहकारी क्षेत्र के दूध संघों का भी आर्थिक विकास सुदृढ़ होगा।