अगले 56 साल तक 15 जनवरी को ही मनेगी मकर संक्रांति, 72 साल में बदलती है तारीख। ज्योतिषविदों के अनुसार, हर साल सूर्य के राशि परिवर्तन में 20 मिनट का विलंब होता है। इस प्रकार तीन वर्षों में यह अंतर एक घंटे का हो जाता है। 72 वर्षों में 24 घंटे का फर्क आ जाता है। सूर्य व चंद्रमा ग्रह मार्गीय होते हैं। ग्रहों के राजा सूर्य 15 जनवरी को धनु से मकर राशि में प्रवेश करेंगे। अब 2080 तक मकर संक्रांति 15 जनवरी को ही मनाई जाएगी। इसके बाद फिर ज्योतिष गणना के अनुसार मकर संक्रांति एक दिन और बढ़ जाएगी। यानी सूर्य का राशि परिवर्तन हर वर्ष 16 जनवरी को होगा। इस बार सूर्य की राशि का परिवर्तन सुबह 9.13 बजे हो रहा है। खरमास समाप्त होगा और मांगलिक कार्य शुरू हो जाएंगे। इस बार व्यतिपात योग शुक्ल पक्ष चतुर्थी तिथि शतभिषा नक्षत्र में सोमवार को मकर संक्रांति मनाई जाएगी। शास्त्रों के अनुसार उत्तरायण की अवधि को देवताओं का दिन और दक्षिणायन को देवताओं की रात कहा जाता है। ज्योतिषविद् विमल जैन व आचार्य देवज्ञ कृष्ण शास्त्री ने बताया कि मकर संक्रांति के दिन साधारण नदी भी गंगा के समान हो जाती है। इस दिन स्नान कर कंबल, घृत, तिल, लडू, वस्त्र दान का विशेष महत्व है। मोक्ष और अक्षय फल की प्राप्ति होती है। साथ ही जाने-अनजाने में हुए पाप का क्षय हो जाता है।
सूर्य व चंद्रमा ग्रह मार्गीय होते हैं। यह पीछे नहीं चलते हैं। इसलिए एक दिन बढ़ जाता है। इस लिहाज से 2008 में ही 72 वर्ष पूरे हो गए थे। हालांकि छह वर्षों तक सूर्य का राशि परिवर्तन प्रात:काल में होने से पूर्व काल मानकर 15 जनवरी को मनाई जाती थी। मगर इसके पहले सूर्य का राशि परिवर्तन संध्याकाल में होता था। इसलिए 14 जनवरी को मकर संक्रांति मान्य थी। मगर अब ऐसा नहीं होगा, इनकी राशि परिवर्तन हमेशा प्रात: काल में ही होगी। 1936 से मकर संक्रांति 14 जनवरी को मनाई जा रही थी। हालांकि 1864 से 1936 तक 13 जनवरी और 1792 से 1864 तक 12 जनवरी को मनाई जा रही थी।
इससे करें परहेज-मकर संक्रांति के दिन नशे से दूर रहें। तामसिक भोजन से परहेज करें, किसी का अपमान न करें। पेड़ों की कटाई न करें और तुलसी की पत्तियों को न तोड़ें। राशि अनुसार करें दान मेष-लाल मिर्च, लाल वस्त्र और मसूर दाल। वृषभ- सफेद तिल के लड्डू, चावल और चीनी। मिथुन- हरी सब्जियां, मौसमी फल और साबुत मूंग। कर्क- जरूरतमंदों को सफेद वस्त्र और घी। सिंह- गुड़, चिक्की, शहद और मूंगफली का दान। कन्या-मूंग दाल की खिचड़ी बनाकर जरूरतमंदों को भोजन कराएं। तुला- सफेद वस्त्र, मखाना, चावल और चीनी। वृश्चिक-मूंगफली, गुड़ और लाल रंग के गर्म कपड़े। धनु-पीले वस्त्र, केले, बेसन और चने की दाल। मकर- काले तिल के लड्डू और कंबल। कुंभ-ऊनी कपड़े, सरसों तेल और चमड़े के जूते चप्पल। मीन-पीली सरसों, चने की दाल और मौसमी फल। का दान करें।
विनोद काबरा – (C. S. इंटरमीडिएट)
वितीय सलाहकार (इनकम टैक्स, GST टैक्स पेक्टिसनेर, टैक्स ऑडिट आदि)
इंटरनेशनल ह्यूमन राइट्स काउन्सिल – राजस्थान प्रदेश अध्यक्ष शहरी व ग्रामीण विकास बोर्ड
पब्लिक साथी प्रेस – पाली जिला ब्यूरो चीफ
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