ऑक्सीजन प्लांट और सप्लाई के लिए कमेटी गठित

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मेनीफोल्ड में टेल पाइप कनेक्टर फटने से हुआ हादसा

रेजीडेंट चिकित्सालयों और ऑक्सीजन मॉनिटरिंग कमेटी ने तुरन्त संभाला मोर्चा, बचाई मरीजों की जान

अजमेर, 22 मई। राजकीय जवाहर लाल नेहरू चिकित्सालय ने अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट, सप्लाई और तकनीकी सुधार के लिए वरिष्ठ चिकित्सकों की कमेटी गठित की है। यह कमेटी चिकित्सालय में ऑक्सीजन आपूर्ति और दुर्घटना की स्थिति में तुरन्त बैकअप प्लान व राहत के लिए जांच कर दो दिन में सुझाव देगी। चिकित्सालय में शुक्रवार रात्रि हुए हादसे में रेजीडेंट डॉक्टर्स और ऑक्सीजन मॉनिटरिंग कमेटी ने तुरन्त एक्शन लेकर मरीजों की जान बचाई।

     जवाहर लाल नेहरू चिकित्सालय अधीक्षक डॉ. अनिल जैन एवं मेडिकल कॉलेज प्राचार्य डॉ. वी.बी. सिंह ने बताया कि ऑक्सीजन प्लांट एवं सप्लाई से संबंधित कमेटी में एनेस्थिीसिया विभाग की वरिष्ठ आचार्य डॉ. कविता जैन को अध्यक्ष, अतिरिक्त अधीक्षक डॉ. नीरज गुप्ता, वरिष्ठ आचार्य मेडिसिन डॉ. अनिल सामरिया, सहायक आचार्य शिशु रोग डॉ. लक्ष्मण सिंह चारण तथा मेडिकल कॉलेज के बायोमेडिकल इंजीनियर को सदस्य के रूप में शामिल किया गया है। यह कमेटी चिकित्सालय मे ऑक्सीजन प्लांट सप्लाई एवं दुर्घटना होने की स्थिति में तुरन्त किए जाने वाले उपायों को लेकर दो दिन में सुझाव प्रस्तुत करेगी।

     उन्होंने बताया कि 21 मई को रात्रि 11 बजे न्यूरोसर्जरी वार्ड के पास स्थित मेनीफोल्ड में टेल पाईप की कनेक्टर अचानक फट गई। इससे वार्ड में ऑक्सीजन का प्रेशर कम होने लगा। तुरन्त ही रोगियों को सिलेंडर पर शिफ्ट किया गया। उस समय वार्ड में उपस्थित रेजीडेन्ट्स चिकित्सक एवं ऑक्सीजन मॉनिट्रिंग कमेटी के सदस्यों ने तत्परता से इस कार्य को अंजाम दिया। साथ ही प्रेशर कम होने के कारण सप्लाई मेनीफोल्ड से दूसरी लाइन पर शिफ्ट कर दिया गया। कुछ ही देर में प्रेशर निर्धारित आवश्यक मात्रा में पहुँचने लगा। टेक्निशियन को तुरन्त बुलाकर टेल पाईप और कनेक्टर नया लगाकर क्षतिग्रस्त लाइन को दुरुस्त करवा दिया गया। इस दौरान किसी भी रोगी की मृत्यु नहीं हुई।

     उन्होंने बताया कि इस तरह की दुर्घटना होने पर चिकित्सालय प्रशासन ने पूर्ण बैकअप प्लान तैयार किए हुए हैं। सेंट्रल ऑक्सीजन सप्लाई चिकित्सालय में विभिन्न ऑक्सीजन मैनीफोल्ड प्लान्ट के द्वारा दी जाती है। विभिन्न मैनीफोल्ड प्लांटस में आपस में ऑटोमेटिक स्विच रहता है। जिससे एक प्लांट में कोई तकनीकी परेशानी हो तो ऑक्सीजन की सप्लाई निर्बाद्ध चलती रहे। एक ऑक्सीजन प्लांटस तथा वार्ड में जरूरत के हिसाब से भरे हुए ऑक्सीजन सिलेंडर हमेशा तैयार रहते हैं। मैन पावर का भी बैकअप हर वार्ड एवं तल पर उपलब्ध रहता है। किसी भी इस तरह की दुर्घटना होने पर तुरन्त ही सभी रेजीडेंट्स, सीनियर रेजिडेंट्स, वरिष्ठ चिकित्सक, नसिर्ंग स्टाफ, तथा हमारे सहायक कर्मचारी मुस्तैदी से मरीज की सेवा में जुट जाते हैं। मरीज को कोई भी असुविधा नहीं होने दी जाती है।

     उन्होंने बातया कि शुक्रवार को जैसे ही प्लांट से प्रेशर कम हुआ तुरन्त ही सभी रेजीडेंट तथा नसिर्ंग स्टाफ एवं वरिष्ठ चिकित्सकों की देखरेख में मरीजों की संभाल की गई। जरूरत के हिसाब से मरीजों को ऑक्सीजन सिलेंडर से ऑक्सीजन दी गई। प्रशासन की हमेशा यह कोशिश रहती है कि किसी भी दुर्घटना होने पर मरीज को कोई परेशानी नहीं हो इसलिये प्लांट्स पर तथा वार्ड में बैकअप सुविधा तथा टीम सदैव तत्पर रहती है। दुर्घटना के बाद भी त्वरित गति से मरीजों के हित में कार्य शुरू किया गया तथा किसी भी गंभीर परेशानी किसी भी मरीज को नहीं होने दी गई।

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