अजमेर: राज्य सूचना आयोग के आदेश पर RTI कार्यकर्ता और कॉलोनी निवासी देवेंद्र सक्सेना की याचिका पर नगर निगम के अधिशासी अभियंता नाहर सिंह टीम समेत मौका निरीक्षण पर पहुंचे. पूरा मामला वैशाली नगर सेक्टर तीन का है.
सक्सेना का आरोप- नहीं हुए विकास कार्य
वहीं पूरे मामले को लेकर देवेंद्र सक्सेना ने बताया कि विधायक वासुदेव देवनानी ने विधायक कोश से 20 लाख रुपये कॉलोनी के विकास कार्यों के लिए दिए थे. ये विकास कार्य नगर निगम अजमेर की ओर से किया जाना था. देवेंद्र सक्सेना ने बताया कि इन विकास कार्यों में सेक्टर तीन की नालियां और ड्रेनज सिस्टम का कार्य किया जाना था.
सक्सेना ने आरोप लगाते हुए कहा कि 20 लाख के विकास कार्य कॉलोनी में नहीं किए गए हैं. सक्सेना ने बताया कि निगम के अधिकारियों की ओर से सिर्फ औपचारिक निरीक्षण करवाया गया है. निर्माण कार्य का वर्क ऑर्डर से नाप चोक भी नहीं करवाया गया है. साथ ही आदेश के अनुसार निर्माण कार्य की सामग्री की गुणवत्ता के सैंपल भी भी नहीं दिए गए है.
वहीं कुछ कॉलोनी वासियों ने कहा कि नालियों का निर्माण तो किया गया है लेकिन नालियों के पानी की निकासी की व्यवस्था उचित नहीं है. जिसकी वजह से नालियों में पानी भरा रहता है और मच्छर पनपने के कारण बीमारियों का खतरा भी बना रहता है. वहीं सागर विहार कॉलोनी निवासी विकास जैन ने बताया कि RTI लगाना एक आम नागरिक का अधिकार है.
कॉलोनी निवासी और पूर्व सहायक निदेशक (भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो) सुनिता जैन ने बताया कि जन प्रतिनिधी जनता के पैसे खर्च करते हैं लेकिन हिसाब नहीं देना चाहते हैं. विधायक देवनानी से बात की गई थी और उनको मामले की जानकारी दी गई तो भी उन्होंने मामले पर कोई संज्ञान नहीं लिया.
पूरे प्रकरण पर ये बोले नगर निगम के अधिशासी अभियंता
पूरे मामले में अधिशासी अभियंता नाहर सिंह ने बताया कि सूचना आयोग की ओर से नाली निरीक्षण के आदेश हुए थे. जिसकी पालना में आज नालियों की निरीक्षण करवाया गया. वहीं उन्होंने कहा कि निगम पर भ्रष्टाचार के जो आरोप लगाए हैं वह गलत हैं और निराधार हैं.