गुरु परम्परा में गुरु का महत्व।
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निर्मल आश्रम पुष्कर।
डां स्वामी रामेश्वरानंद को गुरु पूर्णिमा पर श्रद्धालुओं ने मालाओं से चरण वन्दना कर आशिर्वाद प्राप्त किया।
भारत देश के दुर दराज से आए लोगों ने स्वामी जी के बारे कई बातें बताई,स्वामी जी निर्मल, प्रेरणा स्रोत,, परिवार को ताकत, समन्वय के प्रेरक, व्यक्तित्व के धनी, शांत, गलत का विरोध करने में सक्षम ऐसे स्वाभिमानी भारत के जाने पहचाने राजनीतिक, कुटनीतिज्ञ, सभी कार्य में अपनी पहचान रखने वाले,डा स्वांमी का सभी को आशिर्वाद मिला।
जितने भी लोग आए उन्हें भोजन प्रसाद कराया गया साथ ही अध्यक्ष सरदार हरिनारायण सिंह छाबड़ा कि और से सुन्दर व्यवस्था कि गई ।
निर्मल आश्रम के पदाधिकारियों ने भी शिरकत कि और आशिर्वाद प्राप्त किया।