स्थानीय निधि अंकेक्षण विभाग

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उच्च आयोजित

अजमेर,28 जून। स्थानीय निधि अंकेक्षण विभाग की संभागीय प्रशासनिक समिति की बैठक मंगलवार को संभागीय आयुक्त श्री बी.एल. मेहरा की अध्यक्षता में आयोजित हुई। इसमें विभाग के अतिरिक्त निदेशक शैलेन्द्र कुमार परिहार ने संभाग की प्रगति से अवगत कराया।

संभागीय आयुक्त बी.एल. मेहरा ने कहा कि स्वायत्तशासी संस्थाओं में बकाया सामान्य आक्षेपाें, ए एवं बी श्रेणी आक्षेपों तथा गबन प्रकरणों का तत्काल प्रभाव से निस्तारण किया जाए। बकाया प्रथम अनुपालना प्रकरण एवं बकाया अंकेक्षण शुल्क संबंधित प्रकरणों का भी निस्तारण सुनिश्चित किया जाए। विभिन्न ऑडिट पैरा से जुड़े प्रकरणों के लिए समस्त विभागों एवं संस्थाओं को नोडल अधिकारी नियुक्त करना चाहिए। किसी नगरीय निकाय में कार्मिकों की कमी होने की स्थिति में स्थानीय निकाय विभाग द्वारा दल भेजकर आक्षेपों के त्वरित निस्तारण की कार्यवाही करनी चाहिए।

     उन्होंने कहा कि विभिन्न आक्षेपों की अनुपालना रिपोर्ट लेखा अधिकारी नियंत्रण अधिकारी के माध्यम से निधि अंकेक्षण विभाग को भेजेंगे। विभिन्न स्तरों पर पेंडिंग वसूली प्रकरणों पर विशेष ध्यान दिया जाना आवश्यक है। इस प्रकार के प्रकरणों का गंभीरता के साथ त्वरित निस्तारण किया जाना चाहिए। इसके लिए अभियान की कार्य योजना तैयार की जाए। गबन के प्रकरणों पर प्राथमिकता के साथ नोटिस देने के उपरांत एफआईआर दर्ज करने की कार्यवाही की जाए। यह कार्य नियंत्रण अधिकारी के द्वारा किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि संस्थाओं द्वारा मितव्ययता के साथ जनता के धन का सदुपयोग करना चाहिए। ऑडिट पैरा की पालना के समय समस्त दस्तावेज संलग्न करने आवश्यक है। न्यून प्रगति वाली स्वायत्तशासी संस्थाओं को आगामी बैठक से पूर्व आक्षेपों एवं गबन प्रकरणों का निस्तारण करना चाहिए। सूचना के अधिकार के तहत प्राप्त आवेदनों का निस्तारण भी समय पर होना चाहिए। आगामी 4 एवं 5 जुलाई को आयोजित होने वाले आक्षेप निस्तारण शिविरों का समस्त विभागों एवं कार्यालयों को लाभ लेना चाहिए। इस दौरान आक्षेपों का निस्तारण कर पुष्टी भी करवा लेनी चाहिए। अजमेर विकास प्राधिकरण एवं नगर निगम अजमेर की सुविधा के लिए 30 जून को विशेष आक्षेप निस्तारण शिविर आयोजित होगा। इसमें इन संस्थाओं को अधिकतम आक्षेप निस्तारित करने चाहिए।

उन्होंने कहा कि अधिकारियों एवं कार्मिकों को लेखा संबंधित जानकारी से अपडेट रहना चाहिए। नियमानुसार कार्य करने से भविष्य में आक्षेप लगने की संभावना कम हो जाती है। नियमों के संबंध में स्पष्टता के लिए विभिन्न स्तरों पर वार्तालाप एवं मार्गदर्शन प्राप्त किया जाना चाहिए।

इस अवसर पर जिला कलक्टर अंश दीप, नगर निगम के आयुक्त देवेन्द्र कुमार, जिला परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी मुरारी लाल वर्मा, स्थानीय निकाय विभाग के उपनिदेशक आलोक जैन, महर्षि दयानन्द सरस्वती विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार विशाल दवे सहित अधिकारी उपस्थित थे।

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