शांति एवं अहिंसा निदेशालय।

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गांधी दर्शन प्रशिक्षण का मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने किया वर्चुअल शुभारंभ।

अजमेर 25 जून। गांधी दर्शन प्रशिक्षण शिविर का मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वर्चुअल शुभारंभ करके गांधीजी के विचारों को आगे बढ़ाने का आह्वान किया।

     शांति एवं अहिंसा निदेशालय के निदेशक मनीष शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने जयपुर से वर्चुअल तरीके से गांधी दर्शन प्रशिक्षण शिविर का शुभारंभ किया। यह तीन दिवसीय प्रशिक्षण शनिवार को आरंभ हुआ। प्रशिक्षण स्थल दयानन्द सरस्वती विश्वविद्यालय के बृहस्पति भवन में प्रतिभागियों ने प्रातः से ही शिविर की गतिविधियों में भाग लिया। शिविर गीत का प्रस्तुतीकरण टोंक के श्री अनुराग के दल द्वारा किया गया।  शांति एवं अंहिसा निदेशालय द्वारा गांधी दर्शन को आमजन तक पहुंचाने के लिए इस प्रकार के शिविर प्रत्येक संभाग स्तर पर आयोजित हो रहे हैं। अजमेर संभाग के प्रत्येक ब्लॉक के प्रतिभागियों द्वारा इस शिविर में भाग लिया जा रहा है।

     मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि गांधी दर्शन एक सम्पूर्ण विचारधारा है। इसकी प्रासंगिकता वर्तमान समय में और अधिक हो गई है। विश्व को इसकी बहुत ज्यादा आवश्यकता है। समाज को गांधीजी के विचारों को अपनाकर आगे बढ़ना चाहिए। गांधीजी के विचारों को आमजन तक पहुंचाने की विशेष आवश्यकता है। इससे पूरे समाज में शांति का वातावरण बनेगा। साथ ही आपसी सौहार्द कायम रहेगा। सरकार गांधीजी के विचारों से प्रेरित कई योजनाएं संचालित कर रही है। इनकी पहुंच समाज के अंतिम व्यक्ति तक होनी चाहिए। इसी से व्यक्ति तथा समाज का सर्वांगिण विकास होगा।

     गांधी जीवन दर्शन समिति के संयोजक एवं पूर्व विधायक डॉ. श्गोपाल बाहेती ने कहा कि गांधीवादी कार्यकर्ताओं ने समाज में विश्वास कायम किया था। उस विश्वास के कारण महिलाएं अपने गहने तक सुपूर्द कर देती थी। वही विश्वास आज भी समाज में है। उस विश्वास को कायम रखने की जिम्मेदारी प्रत्येक गांधीवादी की है। यह प्रशिक्षण गांधीजी के विचारों को नई ऊर्जा देगा।

     शुभारंभ के अवसर पर संभागीय आयुक्त बी.एल. मेहरा ने कहा कि राजकीय विभागों को गांधीदर्शन से संबंधित योजनाओं को प्राथमिकता के साथ लागू करना चाहिए। पुलिस महानिरीक्षक रूपिन्दर सिंघ ने कहा कि सिख गुरूओं द्वारा भी सत्य का मार्ग दिखाया गया। उन्होंने अपने संदेशों में सत्य के सामने झुकने की प्रेरणा दी। इसी बात को गांधीजी ने आगे बढ़ाया।

     राजीव गांधी स्टडी सर्किल के राष्ट्रीय समन्वयक सतीश रॉय ने चंपारन आन्दोलन की पृष्ठभूमि के संबंध में विस्तार से जानकारी दी। इस आन्दोलन की आवश्यकता तथा उसके परिणामों के बारे में चर्चा की। उन्होंने कहा कि गांधीजी का व्यक्तित्व बहुआयामी रहा है। उन्हें किसी एक क्षेत्र तक सीमित नहीं किया जा सकता। मोहनदास को महात्मा गांधी बनाने वाली घटनाओं के बारे में भी चर्चा की गई।

     वर्धा के प्रसिद्ध गांधीवादी विचारक मनोज ठाकरे  ने शांति एवं अहिंसा निदेशालय की कार्यप्रणाली के बारे में अपने विचार व्यक्त किए। साथ ही गांधी दर्शन प्रशिक्षिण शिविर के माध्यम से व्यक्तित्व में निखार होने पर वार्ता प्रस्तुत की। गांधीजी के विचारों के विस्तार में आने वाली चुनौतियों के संबंध में भी चर्चा की। शिविर में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सा प्रभारी अधिकारी द्वारा मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य बीमा योजना तथा शुद्ध के लिए युद्ध अभियान के बारे में जानकारी दी गई। इसी प्रकार रसद विभाग के अधिकारियों द्वारा खाद्य सुरक्षा योजना के संबंध में विस्तारपूर्वक बताया गया।

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