मुख्यमंत्री अशोक गहलोत हवाई घोषणाओं से हवाई सपने पूरे करने का कर रहे हैं असफल प्रयास-देवनानी।

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सालाना बजट पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए देवनानी ने सरकार की जमकर बखिया उधेड़ी, गिनाईं सरकार की नाकामियां
-देवनानी ने कहा, जनता पहले भी खाली थी और अब भी खाली हाथ ही रहेगी
-कांग्रेस के मंत्रियों व नेताओं का केवल एक सूत्रीय कार्यक्रम, मोदी को कोसना
-अलग से बजट नहीं रखा, बल्कि कृषि क्षेत्र की और दुर्दशा बिगाड़ने की राह बनाई
-ना पेट्रोल-डीजल पर वैट घटाया, ना सैस कम किया, ना बिजली की दरें घटाईं और ना ही अन्य कोई शुल्क घटाया
-कांग्रेस सरकार की गलत नीतियों के कारण प्रदेश में दिनों-दिन बढ़ती जा रही है महंगाई
अजमेर, 25 फरवरी। पूर्व शिक्षा मंत्री व अजमेर उत्तर के विधायक वासुदेव देवनानी ने सालाना बजट पर चल रही चर्चा में भाग लेते हुए शुक्रवार को विधानसभा में कांग्रेस सरकार की जमकर बखिया उधेड़ी। उन्होंने कहा है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने केवल जादूगरी दिखाई है, जबकि असल में कुछ भी नहीं है। कांग्रेस के शासनकाल में जनता पहले भी खाली थी और अब भी खाली हाथ ही रहेगी। ना पेट्रोल-डीजल से वैट घटाया गया है और ना ही बेरोजगारी दूर करने के लिए ठोस योजना बनाई गई है। राज्य सरकार का यह प्रलाप झूठा है कि केंद्र सरकार ने पूरी मदद नहीं दी, जबकि असलियत है कि केंद्र सरकार ने राजस्थान को 45 हजार करोड़ का अनुदान दिया है, जो पूर्ववतर्ती भाजपा शासनकाल को दिए गए अनुदान से दुगुना है। कांग्रेस सरकार और उसके नेताओं का केवल एक ही लक्ष्य है, चाहे जैसे भी हो, केंद्र की मोदी सरकार को बदनाम करो। संविदा कर्मियों को नियमित करने की बात से सरकार मुकर गई है। भले ही अलग से कृषि बजट पेश किया गया है, लेकिन इसकी दुर्दशा देखिए, इसमें पिछले साल से 21 करोड़ रूपए कम रखे गए हैं। ऐसे में सोचनीय विषय है कि यह कृषि के लिए लाभकारी बजट कैसे हो सकता है। स्मार्ट सिटी के नाम पर महज ढाई सौ करोड़ का प्रावधान कर लोगों को झुनझुना पकड़ा दिया गया है, इतनी कम राशि में किसी शहर को स्मार्ट सिटी कैसे बनाया जा सकता है, यह एक सवालिया निशान है। उन्होंने कहा कि बजट केवल जनता को गुमराह करने के अलावा और कुछ भी नहीं है। छह माह बीतने दीजिए, जनता ही इस सरकार को ढूंढती नजर आएगी।
देवनानी ने कहा कि एक ओर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार का बजट चुनावी ना होकर आगामी 25 वर्षों में भारत की तस्वीर बदलने वाला है, जबकि यहां राज्य सरकार खजाने में धन ना होने के बाद भी ढेर सारी कागजी घोषणाएं कर रही है। उन्होंने कहा कि दरअसल मुख्यमंत्री गहलोत का पूरा समय तो पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट से लड़ने में व्यस्त रहे। उन्होंने बजट को भी हवाई बातों व हवाई घोषणाओं से परिपूर्ण बनाकर हवाई सपने पूरा करने के लिए असफल उड़ान भरी है। मुख्यमंत्री गहलोत का यह पुराना स्वभाव है कि वे घोषणाएं करते हैं और भूल जाते हैं। बजट में 1.25 लाख करोड़ रूपए की घोषणाएं की गई हैं, लेकिन इसमें यह नहीं बताया गया है कि इतना धन कहां है और कहां से आएगा। यही कारण है कि प्रदेश पर कर्ज का बोझ बढ़ता जा रहा है और दिनों-दिन महंगाई भी बढ़ती जा रही है। वर्तमान में हर परिवार पर 3.50 लाख का कर्ज हो गया है।
ना वैट, ना सैस घटाया, ना बिजली की दरें कम कीं
उन्होंने कहा कि कांग्रेस के मंत्रियों और नेताओं का केवल एक ही लक्ष्य होता है, प्रधानमंत्री मोदी को किसी ना किसी तरह बदनाम करना या उनके खिलाफ कुप्रचार करना। इसका मकसद अपनी नाकामियों से जनता का ध्यान भटकाना होता है। कांग्रेस सरकार के मंत्री और नेता हमेशा महंगाई के लिए जिम्मेदार केंद्र सरकार को ठहराते हैं, लेकिन सरकार पेट्रोल-डीजल पर वैट घटाने, बिजली की दरें घटाने, सैस कम करने और अन्य शुल्क घटाने की ओर ध्यान नहीं दे रही है, जिससे प्रदेश में महंगाई आसमान छू रही है। देश के अन्य राज्यों के मुकाबले राजस्थान में पेट्रोल-डीजल और बिजली महंगी है। जनता को दोनों हाथों से लूटा जा रहा है। उन्होंने कहा कि 50 यूनिट बिजली फ्री देने की घोषणा कर सरकार ने झूठी वाहवाही लूटी है। असल में बिजली के प्री-पैड मीटर लगाने पर 3565 करोड़ रूपए का जो व्यय होगा, वह जनता से ही वसूला जाएगा। बिजली कंपनियों का घाटा 15000 करोड़ रूपए से बढ़कर एक लाख करोड़ रूपए तक हो जाएगा।
सबसे ज्यादा बेरोजगारी राजस्थान में
देवनानी ने कहा कि देश में मात्र 6.7 प्रतिशत बेरोजगारी है, जबकि अकेले राजस्थान में यह 27 प्रतिशत है और देश में हमारा दूसरा स्थान है। साढ़े 16 लाख रजिस्टर्ड बेरोजगार हैं। हर दूसरा ग्रेजुएट पास युवा बेरोजगार है। प्रदेश के युवाओं को नौकरी देने को लेकर मुख्यमंत्री झूठ बोल रहे हैं। मुख्यमंत्री ने बजट के दौरान कहा कि उन्होंने 1 लाख नौकरियां दी हंै जबकि कांग्रेस सरकार द्वारा दी गई नियुक्तियों में अधिकांश पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के समय की हंै। 1 लाख 80 हजार युवाओं को नौकरियां देने की गत 3 बजटों में की गई घोषणा आज तक पूरा नहीं हो पाई है। पुरानी घोषणाओं का पता नहीं है और अब लाख युवाओं को नौकरियां देने की घोषणा कर दी गई है। किस विभाग में कितने-कितने पदों पर नौकरियां दी जाएंगी, यह किसी को पता नहीं है। रीट पेपर लीक प्रकरण में दो-दो मंत्रियों के नाम जुड़ने के बावजूद उनके खिलाफ आज तक कोई कार्यवाही नहीं हो पाई।
संविदा कर्मियों को दिया धोखा
देवनानी ने कहा कि संविधाकर्मियों को नियमित करने को लेकर मुख्यमंत्री और आम बजट दोनों ही ‘मौन’ रहे। विधानसभा चुनावों के दौरान कांग्रेस की ओर से सत्ता में आते ही संविधाकर्मियों को नियमित करने का वादा किया था, लेकिन सरकार के सवा 3 साल गुजर जाने के बाद भी हालात वैसे ही बने हुए हैं। संविधाकर्मी नियमित होने की आस में हैं, लेकिन बजट में इसको लेकर कोई घोषणा नहीं की गई है।
ढाई सौ करोड़ से कैसे बनेंगे स्मार्ट सिटी
उन्होंने कहा कि बजट में आगामी दो वर्षों में भीलवाडा सहित प्रदेश के छह शहरों को स्मार्टसिटी बनाने की घोषणा की गई है, जबकि इसके लिए बजट महज 1500 करोड रूपए का प्रावधान किया गया। 250 करोड में एक शहर को स्मार्टसिटी के रूप में विकसित करने का काम कैसे हो सकता है, यह समझ से परे है।
सरकार को कोसेंगे किसान
उन्होंने कहा कि कांग्रेस की ओर से प्रथम कृषि बजट का ढिंढोरा खूब पीटा गया। लेकिन जब कृषि बजट सामने आया तो पता चला कि उसका हश्र पिछले साल भी बुरा कर दिया गया है। वर्ष 2021-22 में 13491 करोड़ रूपए रखे गए थे, लेकिन इस बार इसमें 21 करोड़ रूपए घटाकर इसे 13470 करोड़ रूपए कर दिया गया है। आने वाले दिनों में किसान सरकार को कोसेंगे। विधानसभा चुनाव में सरकार ने किसानों का 2 लाख तक का कर्जा माफ करने का वादा किया था, जो आज तक पूरा नहीं किया गया है।
यह बातें भी रखीं देवनानी ने
शहरी क्षेत्र के लिए कोई विशेष घोषणा नहीं की गई है। बजट में विकास का विजन नहीं है। कर्ज माफी का वादा अधूरा है। महंगाई पर नियंत्रण नहीं है और आम आदमी की जेब पर भार कम नहीं किया गया है। राजस्व घाटे की भरपाई के लिए कर्ज का सहारा लिया जा रहा है, जबकि सरकार द्वारा अपनी तरफ से कोई विशेष प्रयास नहीं किए जा रहे हैं। निजी सेक्टर की कंपनियों के निवेश को इन्फ्रास्ट्रक्चर में आकर्षित करने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया है।

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