अजमेर को मिली ये सौगातें
राजस्थान तीसरी लहर का मुकाबला करने में सक्षमः मुख्यमंत्री
जयपुर/अजमेर, 24 अक्टूबर। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार ने कोरोना महामारी की भयावह चुनौती को अवसर में बदलते हुए प्रदेश में व्यापक स्तर पर उच्च गुणवत्ता की स्वास्थ्य सुविधाएं विकसित की हैं। राजधानी से लेकर गांव-ढाणी तक मेडिकल इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूत किया गया है। उन्होंने कहा कि अगर कोरोना की तीसरी लहर आती है तो अब राजस्थान उसका मुकाबला करने के लिए पूरी तरह सक्षम है।
गहलोत रविवार को राज्य में चिकित्सा एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग के अधीन संचालित चिकित्सा संस्थानों में एनआईसीयू, पीआईसीयू, आईसीयू, ऑक्सीजन जनरेशन एवं लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट के लोकार्पण एवं शिलान्यास समारोह को संबोधित कर रहे थे। उन्होंने करीब 231.66 करोड़ रूपए की लागत के कार्यों का लोकार्पण एवं लगभग 50.61 करोड़ रूपए की लागत के कार्यों का शिलान्यास किया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि कोविड महामारी अभी पूरी तरह समाप्त नहीं हुई है। यूके, रूस सहित दुनिया के कई मुल्कों में कोरोना से हालात फिर गंभीर हो गए हैं। कई राज्यों में भी केस बढ़ने लगे हैं। ऎसे में, सजगता और सतर्कता बेहद जरूरी है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने पहली और दूसरी लहर में कोरोना का बेहतरीन प्रबंधन कर लोगों का जीवन बचाया है। हमारे प्रयासों की देश और दुनिया में सराहना हो रही है। हमारी सरकार ने तीसरी लहर से मुकाबले के लिए टेस्टिंग सुविधाओं को बढ़ाने, वैरिएंट की पहचान के लिए जीनोम सिक्वेंसिंग सुविधा प्रारंभ करने, ऑक्सीजन के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता हासिल करने, आईसीयू बैड्स बढ़ाने सहित तमाम आवश्यक स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत किया है।
गहलोत ने कहा कि निःशुल्क जांच एवं दवा योजना के बाद इस कार्यकाल में हमारी सरकार ने निरोगी राजस्थान और मुख्यमंत्री चिरंजीवी स्वास्थ्य जीवन बीमा जैसी महत्वाकांक्षी योजनाएं शुरू की है। इनका उद्देश्य है कि लोग स्वस्थ जीवन शैली को अपनाएं। यदि बीमार हों भी तो उन्हें भारी-भरकम खर्च की चिंता नहीं करनी पड़े। स्वास्थ्य बीमा योजना के माध्यम से उन्हें 5 लाख रूपए तक का कैशलेस उपचार मिल रहा है।
नगरीय विकास मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि मुख्यमंत्री की दूरदर्शी सोच से कोरोना का बेहतरीन प्रबंधन संभव हो सका। नगरीय विकास एवं स्वायत्त शासन विभाग के माध्यम से क्वारेंटीन सुविधाएं विकसित करने, मास्क वितरण, इंदिरा रसोई के माध्यम से भोजन उपलब्ध कराने, जरूरतमंदों को अनुग्रह राशि का वितरण जैसे महत्वपूर्ण कार्य किए गए। अब ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट स्थापित करने के कार्य को तेजी से पूरा किया जा रहा है।
चिकित्सा मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि दूसरी लहर के समय पूरा देश ऑक्सीजन के संकट से जूझ रहा था, लेकिन राज्य सरकार ने प्रदेश में ऑक्सीजन की उपलब्धता सुनिश्चित की। अशोक गहलोत ने तीन वरिष्ठ मंत्रियों की टीम को दिल्ली भेजा। ऑक्सीजन आपूर्ति की लगातार गहन मॉनिटरिंग की गई। अब हम ऑक्सीजन प्लांट्स की स्थापना के काम को प्राथमिकता से पूरा कर रहे हैं।
राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग की अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने कहा कि बाल कल्याण के लिए संचालित योजनाओं का लाभ बच्चों तक पहुंचाने के लिए आयोग पूरी प्रतिबद्धता से काम कर रहा है। इसी कड़ी में, आयोग का प्रयास है कि प्रदेश में संचालित किशोर गृहों, शिशु गृहों, बालिका गृहों, शैल्टर होम्स आदि में बच्चों को कोविड से बचाव की बेहतर सुविधाएं मिलें।
चिकित्सा शिक्षा सचिव वैभव गालरिया ने प्रदेश को ऑक्सीजन के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाने के लिए किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी। उन्होंने बताया कि जिन स्वास्थ्य सेवाओं का आज लोकार्पण किया गया है, उससे प्रदेश में चिकित्सा ढांचे को मजबूती मिलेगी। आयुक्त चिकित्सा शिक्षा शिवांगी स्वर्णकार ने आभार ज्ञापित किया।
कार्यक्रम में 349 आईसीयू बैड, 178 एनआईसीयू बैड, 10 पीआईसीयू बैड, 160 ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट, 2 लिक्विड मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट और दानदाताओं के माध्यम से निर्मित 23 ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट का लोकार्पण किया गया। पीपाड़, भोपालगढ़ और नोहर में विधायक कोष से तैयार ऑक्सीजन प्लांट्स का लोकार्पण किया गया। साथ ही, 404 एनआईसीयू बैड और 469 पीआईसीयू बैड्स की सुविधा विकसित करने के कार्य का शिलान्यास किया गया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग एवं कैलाश सत्यार्थी चिल्ड्रन फाउण्डेशन की ओर से प्रदेश के बाल संरक्षण गृहों, सुधार गृहों, शिशु गृहों, बालिका गृह आदि के लिए कोविड केयर किट वितरण का शुभारंभ किया।
इस अवसर पर मुख्य सचिव निरंजन आर्य, प्रमुख शासन सचिव चिकित्सा अखिल अरोरा, नगरीय विकास विभाग के प्रमुख सचिव कुंजीलाल मीणा, स्वायत्त शासन विभाग के सचिव भवानी सिंह देथा, जेडीसी गौरव गोयल, एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सुधीर भण्डारी सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। राज्य मंत्रिपरिषद के सदस्य, सांसद, विधायक, अन्य जनप्रतिनिधि, संभागीय आयुक्त, जिला कलेक्टर, मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य, सीएमएचओ एवं चिकित्सा विभाग के अन्य अधिकारी भी वीडियो कॉन्फे्रंस के माध्यम से कार्यक्रम में शामिल हुए।
अजमेर को मिली ये सौगातें
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अजमेर जिले के लिए 13 ऑक्सीजन जनरेशन प्लांटों का लोकार्पण किया। जेएलएन चिकित्सालय में भारत सरकार पीएम केयर्स से निर्मित एक हजार लीटर प्रति मिनट क्षमता, अजमेर स्मार्ट सिटी के माध्यम से निर्मित एक हजार लीटर प्रति मिनट क्षमता के 2 तथा राजकीय महिला चिकित्सालय में अजमेर विकास प्राधिकरण के माध्यम से 400 लीटर प्रति मिनट क्षमता के ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट का लोकार्पण किया गया।
इसी प्रकार राजकीय अमृतकौर चिकित्सालय ब्यावर में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन से निर्मित 315 लीटर प्रति मिनट क्षमता, जिला चिकित्सालय केकड़ी में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन से निर्मित 315 लीटर प्रति मिनट क्षमता, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र पुष्कर में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन से निर्मित 160 लीटर प्रति मिनट क्षमता, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सरवाड़ में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन से निर्मित 160 लीटर प्रति मिनट क्षमता, राजकीय यज्ञ नारायण चिकित्सालय किशनगढ़ में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन से निर्मित 500 लीटर प्रति मिनट क्षमता, राजकीय अमृतकौर चिकित्सालय ब्यावर में स्थानीय निकाय से निर्मित 400 लीटर प्रति मिनट क्षमता, राजकीय जिला चिकित्सालय केकड़ी में स्थानीय निकाय से निर्मित 400 लीटर प्रति मिनट क्षमता तथा राजकीय यज्ञ नारायण चिकित्सालय किशनगढ़ में स्थानीय निकाय से निर्मित 400 लीटर प्रति मिनट क्षमता के ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट का लोकार्पण हुआ। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र सावर के भी 300 लीटर प्रति मिनट क्षमता के ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट का लोकार्पण हुआ। सावर के प्लांट को आईटीसी राजपूताना के सहयोग से बनाया गया है।
इस अवसर पर अजमेर कलेक्ट्रेट स्थित डीओआईटी वीसी रूम में संभागीय आयुक्त डॉ. वीना प्रधान, जिला कलक्टर प्रकाश राजपुरोहित, अतिरिक्त संभागीय आयुक्त गजेन्द्र सिंह राठौड़, जेएलएन मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल डॉ. वी.बी. सिंह तथा ऑक्सीजन प्लांट प्रभारी डॉ. नीरज गुप्ता उपस्थित रहे।
राष्ट्रीय कृमि मुक्ति कार्यक्रम
19 वर्ष तक के बच्चों को दी जाएगी कृमिनाशक दवा
अजमेर, 24 अक्टूबर। जिले के 19 वर्ष तक के बच्चों को आगामी 25 से 30 अक्टूबर तक राष्ट्रीय कृमि मुक्ति कार्यक्रम के अंतर्गत कृमिनाशक दवा दी जाएगी।
अतिरिक्त मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एस.एस. जोधा ने बताया कि राष्ट्रीय कृमि मुक्ति कार्यक्रम चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग तथा महिला एवं बाल विकास विभाग के संयुक्त तत्वावधान में 25 से 30 अक्टूबर तक संचालित होगा। इसमे एक से 19 वर्ष तक के बच्चों को कृमिनाशक एल्बेंडाजोल की गोली खिलाई जाएगी। कृमि संक्रमण से बच्चों के शारीरिक विकास, हीमोग्लोबिन स्तर, पोषण स्तर और बौद्धिक विकास पर हानिकारक प्रभाव पड़ता है। यह कृमि बच्चों के पेट मे पडने वाले कीडे़ होते हैं। ये बच्चों के विकास को हर प्रकार से प्रभावित करते हैं। कृमि के फैलाव को निश्चित समयांतराल पर कृमि मुक्त (डिवार्मिंग) कर रोका जा सकता है। इसके लिए कृमिनाशक दवा एल्बेंडाजोल की गोली 25 से 30 अक्टूबर तक खिलाई जाएगी।
उन्होंने बताया कि एक से 19 वर्ष तक बच्चों और किशोर-किशोरियो को कृमि मुक्त रखने के लिए राष्ट्रीय कृमि मुक्ति कार्यक्रम के दौरान जिले के सभी उप स्वास्थ्य केन्द्रों, आंगनबाडी केन्द्रों और शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों, पर एल्बेंडाजोल की गोलियां खिलाई जाएगी। यह कार्यक्रम महिला एवं बाल विकास विभाग के सहयोग से संचालित होगा। जिसमे एएनएम, आशा और आंगनबाडी कार्यकर्ताओं की अहम जिम्मेदारी रहेगी।
उन्होंने बताया कि कृमि मुक्ति सप्ताह के संबंध में आवश्यक दिशा निर्देश प्रभारियों को दिए गए हैं। उन्हें बच्चों के आयु अनुसार दी जाने वाली मात्रा व बरती जाने वाली सावधानियों से अवगत कराया गया। एक से दो वर्ष के बच्चों को कृमिनाशक एल्बेंडाजोल की 400 एमजी की आधी गोली पीस कर दी जाएगी। 2 से 3 वर्ष तक के बच्चों को एक गोली पीस कर पानी के साथ दी जाएगी। इससे बड़ी आयु के समस्त बच्चों को एक गोली खिलानी होगी।