मालपुरा में 25 वर्ष पूर्व हुए दंगों के मामले में सभी 13 आरोपियों को बरी कर दिया गया है। अदालत ने इस मामले में पुलिस की जांच प्रक्रिया पर गंभीर सवाल उठाए हैं, यह स्पष्ट करते हुए कि मामले की जांच तीन अलग-अलग अधिकारियों द्वारा की गई थी लेकिन यह उचित नहीं थी।
अदालत ने कहा कि मामले में आवश्यक साक्ष्यों और गवाहों की कमी के कारण आरोपियों के खिलाफ पर्याप्त सबूत नहीं हैं। इसके परिणामस्वरूप, सभी 13 व्यक्तियों को बरी किया गया।
इस मामले में अदालत की टिप्पणियों ने पुलिस जांच की गुणवत्ता और निष्पक्षता पर ध्यान केंद्रित किया है, जो कि इस तरह के संवेदनशील मामलों में महत्वपूर्ण होती है।
यह निर्णय स्थानीय समुदायों में विभिन्न प्रतिक्रियाएं उत्पन्न कर सकता है, और इस मामले की सुनवाई के दौरान अदालत ने न्यायिक प्रक्रिया की पारदर्शिता पर जोर दिया है।
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