आज जहाजपुर में हिन्दू संगठनों द्वारा आयोजित महापड़ाव के कारण पूरा कस्बा बंद है। प्रशासन ने इस आयोजन के मद्देनजर कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की है, जिसमें 400 से अधिक पुलिसकर्मी तैनात किए गए हैं। महापड़ाव के लिए लोगों का पहुंचना शुरू हो गया है, और स्थानीय नागरिकों का समर्थन व्यापक रूप से मिल रहा है।
जलझूलनी एकादशी पर पथराव का विरोध
यह महापड़ाव जलझूलनी एकादशी पर भगवान पीतांबर राय के बेवाण पर हुए पथराव की घटना के विरोध में आयोजित किया गया है। जानकारी के अनुसार, बेवाण के जुलूस के दौरान जामा मस्जिद से पत्थरबाजी की गई थी, जिसके परिणामस्वरूप हिन्दू संगठनों ने प्रशासन के खिलाफ 12 सूत्रीय मांगों के साथ महापड़ाव का आह्वान किया है। इन संगठनों ने इस हमले को सुनियोजित षड्यंत्र बताते हुए अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
सुरक्षा व्यवस्थाएं और आयोजन की तैयारियां
महापड़ाव को सफल बनाने के लिए स्थानीय विधायक गोपीचंद मीणा और हिन्दू संगठनों ने पिछले एक सप्ताह से प्रयास किए हैं। पुलिस प्रशासन ने कस्बे में सभी प्रवेश मार्गों पर बैरिकेड्स लगाए हैं और बड़े वाहनों का प्रवेश पूरी तरह प्रतिबंधित कर दिया गया है। महापड़ाव के दौरान एक विशाल पंडाल भी बस स्टैंड पर तैयार किया गया है, जहां संतों की उपस्थिति रहेगी।
श्रद्धालुओं की विशेष सेवाएं
महापड़ाव में शामिल होने के लिए शाहपुरा जिले भर से हजारों लोगों के आने की संभावना है। बाहर से आने वाले श्रद्धालुओं को भोजन के पैकेट प्रदान किए जाएंगे। आयोजन का नेतृत्व संतों द्वारा किया जाएगा, जिससे कार्यक्रम की महत्ता और बढ़ गई है।
प्रशासन की निष्क्रियता पर नाराजगी
बेवाण पर पथराव की घटना के बाद समग्र हिन्दू समाज ने जिला प्रशासन को 12 सूत्रीय मांगों का ज्ञापन सौंपा था, जिसमें अवैध अतिक्रमण हटाने और पत्थरबाजों के खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई की मांग की गई थी। हालांकि, प्रशासन ने तीन दिनों के भीतर कार्रवाई का आश्वासन दिया था, लेकिन समय बीतने के बावजूद कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए। इसके चलते समग्र हिन्दू समाज ने प्रशासन की निष्क्रियता और मुस्लिम समाज के कथित दबाव के चलते उचित कार्रवाई न होने पर गहरा आक्रोश व्यक्त किया है।
निष्कर्ष
जहाजपुर में आज का महापड़ाव न केवल धार्मिक संवेदनाओं को दर्शाता है, बल्कि यह स्थानीय प्रशासन और सुरक्षा व्यवस्था के प्रति लोगों की चिंताओं को भी उजागर करता है। कार्यक्रम की सफलता और शांतिपूर्ण संचालन के लिए प्रशासनिक अधिकारियों की ओर से पूरी तैयारी की गई है। सभी की निगाहें आज के इस महापड़ाव पर टिकी हुई हैं, जिससे यह स्पष्ट होगा कि स्थानीय समुदाय की आवाज कितनी प्रभावशाली होती है।