राजस्थान समाचार: आईपीएस ट्रांसफर लिस्ट के बाद फिर चर्चा में भाजपा अध्यक्ष मदन राठौड़ का बयान, जानिए क्या है वजह?
हाल ही में आईपीएस ट्रांसफर सूची जारी होने के बाद भाजपा प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ का पुराना बयान फिर सुर्खियों में आ गया है। इससे पहले, राठौड़ ने पिछली सरकार द्वारा नवगठित जिलों में से 6-7 को खत्म करने की बात कही थी। हालांकि बाद में उन्होंने इस बयान से दूरी बना ली थी, लेकिन अब आईपीएस ट्रांसफर लिस्ट के बाद एक बार फिर इस मुद्दे की चर्चा शुरू हो गई है।
रविवार देर रात प्रदेश की भजनलाल सरकार ने आईपीएस अधिकारियों की ट्रांसफर सूची जारी की, जिसमें कुछ विशेष नहीं था, लेकिन एडिशनल चार्ज को लेकर राजनीतिक हलकों में चर्चाएं तेज हो गईं। सांचौर, गंगापुर सिटी, केकड़ी और शाहपुरा जिलों में एसपी को एडिशनल चार्ज दिया गया है, जो पिछली गहलोत सरकार में नवगठित 19 जिलों में शामिल थे।
इस मुद्दे की चर्चा इसलिए बढ़ी क्योंकि मदन राठौड़ ने पहले कहा था कि तत्कालीन सरकार ने कई “गलत” जिले बना दिए हैं। उन्होंने सांचौर और केकड़ी जैसे जिलों को इसका उदाहरण बताते हुए कहा था कि ये केवल तुष्टिकरण की राजनीति के तहत बनाए गए हैं और भाजपा सत्ता में आने पर इन्हें समाप्त कर देगी। उनके इस बयान पर कांग्रेस ने पलटवार करते हुए सवाल उठाए थे। नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा था कि जिलों पर अंतिम निर्णय सीएम और कमेटी स्तर पर लिया जाना चाहिए, न कि राठौड़ द्वारा।
हालांकि विवाद बढ़ने पर मदन राठौड़ ने अपने बयान से पलटते हुए कहा कि जिलों को खत्म करने का अधिकार उनका नहीं बल्कि सरकार का है, और उन्होंने यह बयान केवल सामान्य संदर्भ में दिया था। लेकिन अब आईपीएस अधिकारियों को नवगठित जिलों में एडिशनल चार्ज दिए जाने से उनके पुराने बयान की चर्चा फिर से तेज हो गई है।