राजस्थान में एक विवादास्पद निर्णय के तहत, राज्य सरकार ने एक ब्लैक लिस्टेड कंपनी को 10 हजार करोड़ रुपये का स्मार्ट मीटर टेंडर दिया है। इस फैसले ने राजनीतिक हलकों में बहस को जन्म दिया है, खासकर विपक्षी दलों के बीच।
राजस्थान के ऊर्जा मंत्री ने इस टेंडर के संबंध में कहा कि यह निर्णय पिछले सरकार द्वारा लिया गया था। उन्होंने स्पष्ट किया कि वर्तमान सरकार ने केवल उस प्रक्रिया को आगे बढ़ाया है। मंत्री ने यह भी कहा कि यह कदम राज्य में ऊर्जा क्षेत्र में सुधार लाने के लिए आवश्यक है।
इस टेंडर को लेकर विपक्ष ने सवाल उठाए हैं और इसे अनियमितताओं से भरा हुआ बताया है। उन्होंने मांग की है कि सरकार को इस निर्णय पर पुनर्विचार करना चाहिए।
इस बीच, सरकार ने कहा है कि स्मार्ट मीटर लगाने से उपभोक्ताओं को बेहतर सेवाएं मिलेंगी और ऊर्जा खपत की निगरानी में सुधार होगा।
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